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कचरे में डाल दी यह गंदी वस्तु जो कर देगी बीमार

locationभीलवाड़ाPublished: Jul 31, 2019 08:47:58 pm

Submitted by:

Suresh Jain

पर्यावरण व मवेशियों के लिए बन रहे खतरा। सही ढंग से नहीं हो रहा निस्तारण, इन्सीनेरेटर की कमी

Put in the trash given filthy thing that ill will in bhilwara

Put in the trash given filthy thing that ill will in bhilwara

भीलवाड़ा।

Sanitary pads सही ढंग से निस्तारण नहीं हो पा रहे सेनेटरी पेड्स पर्यावरण के साथ इंसान व मवेशियों के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं। महिलाएं उपयोग के बाद सामान्य कचरे के साथ फेंक रही है, जिसे मवेशी खा रहे हैं। सेनेटरी पेड्स के निस्तारण के लिए पर्याप्त संख्या में इन्सीनेरेटर नहीं हैं। हालांकि रोडवेज स्टैण्ड व अस्पताल में इन्सीनेरेटर हैं, लेकिन उपयोग कुछ प्रतिशत महिला व बच्चियां ही कर रही है।
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Sanitary pads कई कॉलोनियों का कचरा मुख्य सड़कों पर रखी कचरा पेटियों में जाता है। यहां गाय-कुत्ते कचरे में खाना ढूंढ़ते पेड्स भी खा रहे हैं, जो उनकी मौत की वजह बन रहा है। कचरे की पेटियां इतनी भरी होती हैं कि इनसे कचरा सड़क पर गिरता है, फिर हवा के साथ दूर तक फैल जाता है, जो पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है। चिकित्सकों के अनुसार हर महिला साल में औसतन १४४ से १६८ पेड्स इस्तेमाल करती है, जिन्हें बाद में कचरे में फेंका जाता है। गांवों में महिलाएं तालाब के आसपास पानी में दबा देती है, जो बाद में बाहर आ जाता है। पेड्स के प्लास्टिक को प्राकृतिक तरीके से नष्ट होने में कई साल लग जाते हंै। इनमें कई तरह के केमिकल्स का उपयोग भी होता है, जो नॉन-बायोडिग्रेडेबल है।

हॉस्टल व स्कूल में लगे इन्सीनेरेटर
स्कूलों में बालिकाओं को जागरूक करने के लिए कई सरकारी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पेड्स उपयोग करने के साथ ही उसके निस्तारण के लिए जिले के २२ बालिका हॉस्टल व कुछ स्कूलों में इन्सीनेरेटर लगे हैं। रोडवेज स्टैण्ड व अस्पताल में भी इन्सीनेरेटर लगा है लेकिन उपयोग चंद महिला व बच्चियां ही कर रही है।
डीएमएफटी से खरीद का प्रस्ताव
शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव दिया था कि इन्सीनेरेटर मशीन डीएमएफटी से खरीदें व हर स्कूल में लगाए तो स्कूली छात्राओं सही निस्तारण कर सकेगी। जिले में करीब ५३७ स्कूलें है।
हो सकती कई बीमारियां
सेनेटरी पेड्स का सही निस्तारण नहीं होने से पर्यावरण को खतरा है। आवारा मवेशी खा, जिससे उनकी अकाल मृत्यु हो रही है। महिलाएं एवं किशोरी शर्म के कारण पेड्स को इधर-उधर फेंक देती है। यह एक प्रकार का कचरा है और प्रदूषण फैलता है। जिले की कुछ स्कूलों में इन्सीनेरेटर लगाई गई है। इसका निस्तारण इसमें ही किया जाना चाहिए।
डा. सीपी गोस्वामी, आरसीएचओ
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