हॉस्टल व स्कूल में लगे इन्सीनेरेटर
स्कूलों में बालिकाओं को जागरूक करने के लिए कई सरकारी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पेड्स उपयोग करने के साथ ही उसके निस्तारण के लिए जिले के २२ बालिका हॉस्टल व कुछ स्कूलों में इन्सीनेरेटर लगे हैं। रोडवेज स्टैण्ड व अस्पताल में भी इन्सीनेरेटर लगा है लेकिन उपयोग चंद महिला व बच्चियां ही कर रही है।
शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव दिया था कि इन्सीनेरेटर मशीन डीएमएफटी से खरीदें व हर स्कूल में लगाए तो स्कूली छात्राओं सही निस्तारण कर सकेगी। जिले में करीब ५३७ स्कूलें है।
सेनेटरी पेड्स का सही निस्तारण नहीं होने से पर्यावरण को खतरा है। आवारा मवेशी खा, जिससे उनकी अकाल मृत्यु हो रही है। महिलाएं एवं किशोरी शर्म के कारण पेड्स को इधर-उधर फेंक देती है। यह एक प्रकार का कचरा है और प्रदूषण फैलता है। जिले की कुछ स्कूलों में इन्सीनेरेटर लगाई गई है। इसका निस्तारण इसमें ही किया जाना चाहिए।
डा. सीपी गोस्वामी, आरसीएचओ