इससे पहले भी 2008 में रूपलाल जाट को टिकट दे दे दिया था लेकिन दो दिन बाद फिर टिकट काट दिया गया। इस समय इन्होंने विरोध नहीं करके पार्टी के पक्ष में काम किया था। इसका फायदा अभी मिला है। सहाड़ा में लादूलाल पितलिया भी अब विरोध में उतर सकते हैं। जाट इससे पहले भीलवाड़ा डेयरी में डायरेक्टर भी रहे हैं। जिला परिषद सदस्य होने के नाते इनका नाम जिला प्रमुख के लिए भी चला था। सहाड़ा जाट बहुल है। सहाड़ा से 37 दावेदारों ने टिकट मांगा था।
जाट ने कहा कि उन्होंनेजनता के लिए ही टिकट मांगा था। अब पार्टी ने भरोसा जताया है, तो उस पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। जो राजनेता का धर्म होता है उसे पूरा करेंगे। क्षेत्र में सक्रियता शुरू से ही रही है। हमारी कोशिश यह रहेगी कि बिना विवाद के क्षेत्र के विकास करेंगे। इसके लिए जनता का साथ जरूरी है। कार्यकर्ता ही हमारी टीम है।