निर्वाचन आयोग के फरमान के बावजूद लाइसेंसधारियों का हथियार (रायफल, पिस्टल, रिवाल्वर) से मोह नहीं छूट रहा है। यहीं वजह है कि जिले के थानों में पंजीकृत हथियार अभी तक पूरी तरह से जमा नहीं सके है। पुलिस की ढिलाई के कारण ही लाइसेंस धारक हथियार लेकर थाने नहीं जाते है। एेसे में ये चूक विधानसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है। चुनाव के मद्देनजर लाइसेंसधारियों को थानों पर हथियार जमा कराना जरूरी होता है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से लाइसेंसधारियों की सूची पुलिस को सौपी जा चुकी है। आयोग की सख्ती के बावजूद थानाधिकारी इसमें रूचि नहीं ले रहे है। जिले में इस समय करीब सात हजार हथियार लाइसेंसधारी है। इनमें से अभी तक आधे हथियार भी थाने में नहीं पहुंचे है।
इसलिए होते है हथियार जमा जिले में लोगों ने प्रमुखतया एक व दो नाल की बंदूक तथा पिस्तौल के लाइसेंस ले रखे है। चुनाव शांतिपूर्ण कराने और इस दौरान किसी अप्रिय घटना पर अंकुश के मद्देनजर पुलिस व प्रशासन पहले से सावचेत होकर हथियार जमा कर लेता है। ताकि बाद में विवाद की स्थिति से बचा जा सकें।
यहां गिर सकती गाज आम्र्स अधिनियम के तहत नियमों की अवहेलना पर लाइसेंस निरस्त करके हथियार जब्त कर आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। पहले से लगा है दाग
वस्त्रनगरी में गत तीन वर्ष के दौरान अवैध हथियारों की धरपकड़ की पांच बड़ी कार्रवाई हो चुकी है ओर पुलिस लगातार अवैध हथियारों की तस्करी में लिप्त लोगों की खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। फूलियाकलां पुलिस ने हाल ही अवैध हथियारों की खरीद का बड़ा खुलासा भी किया हे। दूसरी तरफ फायरिंग की घटनाएं भी बढऩे लगी है।
नहीं बरती जाएगी कोताही थानो में अधिक से अधिक हथियार जमा कराने के लिए थानाधिकारियों को निर्देश रखे है। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा सकती है।
– डॉ. रामेश्वर सिंह, पुलिस अधीक्षक
– डॉ. रामेश्वर सिंह, पुलिस अधीक्षक