पंडित व्यास ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा गुरुवार को सुबह 10.39 से है। किन्तु भद्रा भी गुरुवार को सुबह 10.39 से ही प्रारंभ होगी और रात 8.51 तक रहेगी। जिसमें इस भद्रावधि में शास्त्रानुसार राखी बांधना अशुभ माना गया है। जबकि श्रवण नक्षत्र 11 अगस्त की सुबह 6.53 बजे से प्रारम्भ हो जाएगा, जो अगली सुबह 4.07 तक है। रक्षाबंधन पर्व 11 अगस्त को प्रदोष काल में भद्रा के पश्चात अर्थात रात्रि 8.52 बजे से रात्रि 9.52 तक मनाया जाना चाहिए। गुरुवार को शुभ योग 5.30 से 6.30 बजे तक भी बहनें रक्षाबंधन बिना किसी संशय के मना सकती हैं। श्रेष्ठ मुहूर्त रात को 8.52 से 9.52 बजे तक रहेगा।