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पढि़ए, उपसभापति चुनाव में कैसे हुई राजनीति

locationभीलवाड़ाPublished: Feb 09, 2021 12:11:28 pm

भीलवाड़ा नगर परिषद उपसभापति का चुनाव सोमवार को हाइपर राजनीति से कम नहीं रहा। कांग्रेस को यहां अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान से हटा कर भाजपा बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी रेखा पुरी को सर्मथन करना पड़ा, लेकिन कांग्रेस का यह निर्णय पार्टी को ही भारी पड़ा और पार्टी धड़ों में बिखरी नजर आई। आंतरिक कलह का फायदा भाजपा ने उठाया।

Read, how politics happened in the Deputy Chairman election

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भीलवाड़ा । भीलवाड़ा नगर परिषद उपसभापति का चुनाव सोमवार को हाइपर राजनीति से कम नहीं रहा। कांग्रेस को यहां अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान से हटा कर भाजपा बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी रेखा पुरी को सर्मथन करना पड़ा, लेकिन कांग्रेस का यह निर्णय पार्टी को ही भारी पड़ा और पार्टी धड़ों में बिखरी नजर आई। आंतरिक कलह का फायदा भाजपा ने उठाया। रविवार को सभापति चुनाव में भाजपा को जहां ४५ मत मिले थे, वही सोमवार को उप सभापति चुनाव में मतों की संख्या बढ़ कर ४९ हो गई। हालांकि नामांकन के दौरान भाजपा नेताओं ने बागी निर्दलीय प्रत्याशी रेखा पुरी को नामांकन से रोकने की पुरी कोशिश की। लेकिन वो नहीं मानी ओर नामांकन दाखिल किया। यहां मतदान में रेखा को 69 में से सिर्फ 15 मत ही मिले।
नगर परिषद उपसभापति चुनाव को लेकर भाजपा में उपसभापति के नाम को लेकर भी लंबी मंत्रणा हुई। अंतत भाजपा जिला महामंत्री एवं पार्षद रामलाल योगी के नाम पर सहमति बनी। नगर परिषद में रिटर्निंग अधिकारी वंदना खोरवाल की मौजूदगी में सुबह दस बजे नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई। सभापति राकेश पाठक व जिलाध्यक्ष लादूलाल तेली के साथ योगी पहुंचे और नामांकन पत्र पेश किया। करीब पन्द्रह मिनट बाद ही भाजपा की बागी एवं निर्दलीय पार्षद रेखा पुरी भी नामांकन पत्र पेश करने पहुंची। यहां सभापति राकेश पाठक ने उन्हें रोकते हुए मनाने की कोशिश की, लेकिन पुरी नहीं मानी और नामांकन पत्र पेश किया।
कांग्रेस की बैठक में नाम तय
जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक कांग्रेस कार्यालय में सुबह दस बजे हुई। बैठक में मौजूद जिलाध्यक्ष रामपाल शर्मा, महामंत्री महेश सोनी व ओमप्रकाश नाराणीवाल ने पूर्व प्रतिपक्ष नेता एवं पार्षद समदु देवी व फातिमा को नामांकन पत्र दाखिल करने को कहा। इसके बाद दोनों ने नगर परिषद पहुंच कर नामांकन पत्र पेश किया। नामांकन वापसी से करीब पौन एक घंटे पहले फातिमा ने समदु देवी के समर्थन में नाम उठा लिया।
कांग्रेस ने यूं उठाया प्रत्याशी से नाम
नामांकन वापसी के करीब पन्द्रह मिल पहले पूर्व प्रतिपक्ष समदु देवी व उनके पति पूर्व पार्षद शिवराम खटीक को कांग्रेस की तरफ से बताया गया है कि रेखा पुरी नाम उठा रही है, आप लोग नगर परिषद पहुंचे। इसके बाद समदु देवी,शिवराम व जिला महामंत्री महेश सोनी नगर परिषद पहुंचे। नामांकन पत्र वापसी के दो मिनट पहले समदु को बताया गया कि रेखा पुरी नाम नहीं उठाएगी, उसने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है। दोनों को कांग्रेस की सदस्यता की पर्ची भी दिखाई गई। इस पर समदु देवी सन्न रह गई, लेकिन संगठन सर्वोपरि मानते हुए समदु देवी ने नाम वापस ले लिया।
रेखा से मिली कांग्रेस नेताओं से
जानकारी के अनुसार सुबह रेखा पुरी कांग्रेस के नेताओं से मिली और उन्हें बताया कि उसके पक्ष में दस से अधिक पार्षद है और कांग्रेस का समर्थन मिल जाए तो निर्दलियों की मदद से वो उप सभापति बन सकती है। इस पर कांग्रेस पार्षद धर्मेन्द्र शर्मा उनके प्रस्तावक बने। नाम वापसी होने के बाद भाजपा समर्थित रामलाल योगी व कांग्रेस समर्थित रेखा पुरी के बीच मुकाबला तय हो गया।
भाजपा बस से पहुंचे मतदान करने
भाजपा के 31 ही पार्षद बाड़ेबंदी के बीच बस से मतदान करने पहुंचे। जबकि भाजपा समर्थित पार्षद दो समूह में भाजपा नेताओं के साथ नगर परिषद पहुंचे और मतदान किया। कांग्रेस समर्थित पार्षद विभिन्न समूह में मतदान करने पहुंचे। कुछेक पार्षदों को मनुहार कर मतदान करने लाया गया।
फातिमा नहीं कर सकी मतदान
मतदान समाप्ति के महज पांच मिनट पहले पार्षद वसीम मतदान करने पहुंचे, उन्होंने मतदान भी किया। इधर, मतदान समाप्ति के एक मिनट पहले दौड़ते हुए कांग्रेस पार्षद फातिमा दौड़ती हुई नगर परिषद परिसर में पहुंची। लेकिन मतदान केन्द्र में कदम रखने से पहले मतदान समाप्ति का समय पूर्ण हो गया और दो बजने से केन्द्र के मुख्य गेट पर गेट सुरक्षा कर्मियों ने फातिमा भीतर जाने से रोक दिया। इस पर कांग्रेस महासचिव महेश सोनी ने विरोध जताया और कहाकि फातिमा निर्धारित समय में नगर परिषद परिसर में आ गई थी,उसे भीतर जाने दिया जाए। भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेल, विधायक विठ्ठलशंकर अवस्थी ने विरोध जताया और हंगामे के हालात हो गए। विवाद बढऩे पर डिप्टी राहुल जोशी व सब रजिस्ट्रार अजित सिंह ने फातिमा को भीतर जाने और मतदान करने की अनुमति दे दी, लेकिन मतदान केन्द्र का मुख्य गेट बंद हो जाने व वहां मतदान कर्मियों की मनाही के बाद फातिमा मतदान नहीं कर सकी।
मतदान से रोकने पर कांग्रेस का विरोध
फातिमा को मतदान नहीं करने देने पर कांग्रेस जिला महामंत्री सोनी व फातिमा के समर्थकों ने नाराजगी जताई और मतदान अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिए बाहर आने का दबाव बनाया। इस पर भाजपा नेताओं व पार्षदों ने विरोध किया। यहां मोदी मोदी के नारे लगने लगे। इस पर मतदान केन्द्र से आ कर तहसीलदार दिनेश आचार्य ने स्पष्ट किया कि मतदाता फातिमा मतदान का निर्धारित समय पांच बजने के बाद पहुंची है अत: वो मताधिकार नहीं कर सकती है। सोनी व कांग्रेस कार्यकर्ता इस पर तहसीलदार से उलझ गए, लेकिन समझाइश के बाद सब शांत हो गए।
योगी 34 मतों से जीते
रिटर्निंग अधिकारी वंदना खोरवाल ने मतदान के तुरन्त बाद मतगणना प्रक्रिया पूर्ण कराई और नतीजा घोषित किया। उन्होंने बताया कि 70 में से कुल 69 पार्षदों ने मतदान किया। इनमें ४९ मत रामलाल योगी व 15 रेखा पुरी को मिले। जबकि 05 मत नोटा में आए। एक पार्षद मतदान में शामिल नहीं हो सकी। योगी के निर्वाचित घोषित होने की घोषणा पर भाजपा पार्षदों, नेताओं व समर्थकों ने उन्हें गोद में उठा लिया और फूल मालाओंं से लाद दिया।
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भाजपा आलाकमान से भाजपा समर्थित निर्दलियों में से एक उप सभापति का टिकट देने की मांग की थी, सभापति बनाने में सहयोग करने के बावजूद उनकी अनदेखी की गई। कांग्रेस ने उनकी बात सुनी और समर्थन देने की बात कही, मेरे पास उपसभापति पद के लिए पर्याप्त पार्षदों का समर्थन था, लेकिन कांग्रेस में शामिल होने की बात उड़ाने से कांग्रेस के ही अधिकांश पार्षद उनसे नाराज हो गए और इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। मैं, भाजपा की निष्ठावान कार्यकर्ता हूं और रहुंगी।
– रेखा पुरी, निर्दलीय प्रत्याशी, उपसभापति

पार्टी ने ही उपसभापति का चुनाव लडऩे के लिए नामांकन भरने को कहा, नामांकन भरा। मेरे समर्थन में पार्टी की ही फातिमा ने नाम वापस ले ले लिया, लेकिन नामांकन वापसी से चंद मिनट पहले मुझे यह कह कर नाम वापस उठाया गया कि रेखा पुरी कांग्रेस में शामिल हो चुकी है, पार्टी ने उसका समर्थन किया है। अत: नाम उठा लिजिए, संगठन का आदेश सर्वोपरि था। नाम वापस ले लिया। संगठन के खिलाफ जाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए
– समदु देवी, कांग्रेस प्रत्याशी, उपसभापति
उपसभापति के लिए कांग्रेस में कई दावेदार थे, लेकिन पार्टी बहुमत के आंकड़े से काफी दूर थी। आपस में विवाद बढऩे की स्थिति बनी हुई थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रेखा पुरी मिली और बताया कि उसके पक्ष में पर्याप्त पार्षदों के मत है। मिल बैठ कर चर्चा की और उन्हें समर्थन दिया। रेखा पुरी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं की है। पार्टी की रीति नीति के विरूद्व जाने वाले पार्षदों व कार्र्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और प्रदेश प्रभारी को भी रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी।
– रामपाल शर्मा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
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