सरकार के जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए पुर्नगठन के प्रस्तावों में भी राज्य सरकार ने बदलाव की गणित बैठा कर अपनी खिचड़ी पका रहे राजनीतिक धुरंधरों व प्रभावशालियों की भी रणनीति पर पानी फेर दिया। इन सबके बीच कांग्रेस का दावा है कि जिले में नई पंचायतों के गठन से विकास की बहेगी और पार्टी भी मजबूत होगी। जबकि भाजपा मानती है कि कांग्रेस सत्ता के दम पर भाजपा के बढ़ते प्रभाव को गांवों में नहीं रोक सकती।
प्रदेश में अगले वर्ष २०२० में पंचायतराज में चुनाव प्रस्तावित है, चुनाव से पहले राज्य सरकार ने प्रदेश में पंचायतों का पुनर्गठन कर कई नई पंचायतें अस्तिव में ला दी है। भीलवाड़ा जिले में पंचायतों के पुर्नगठन से ग्राम पंचायतों की संख्या ३८४ से बढ़कर अब ३९६ हो गई, जबकि पंचायत समिति भी बारह से १३ हो गई। आबादी व भौगोलिक स्थिति के आधार पर किए बड़े बदलाव के लिए सरकार को जिले की ७० ग्राम पंचायतों के हिस्सों को इधर से उधर करना पड़ा। हालांकि जिला प्रशासन ने पंचायतों के पुर्नगठन के बाद सामने आई पंचायतों की नई तस्वीर के लिए सरकार ने आपत्तिया भी मांगी थी, एेसे में पंचायतों के पुर्नगठन से नाराज क्षेत्र के कद्दावर नेताओं ने ग्रामीणों की मदद से विरोध की आवाज जिला मुख्यालय से लेकर जयपुर तक दर्ज कराई। उपखंड मुख्यालयों पर भी धरने एवं प्रदर्शन हुए।
जनता ने जैसा चाहा वैसा हुआ है, नई पंचायतें बनने से क्षेत्र का विकास होगा, नए प्रशासनिक भवन बनेंगे और सीमा विवाद भी खत्म होगा। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, राजस्व कार्यो के शीघ्र निपटारे में भी मदद मिलेगी, इन सबके बीच कांग्रेस भी और गांवों में मजबूत होगी।
रामपाल शर्मा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
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ये है नई पंचायत व उनके गांव
पंचायतों का पुनर्गठन एवं नई पंचायत समिति व पंचायतों का बनना प्रशासनिक प्रक्रिया है, हालांकि पुनर्गठन में राजनीति हुई है, भाजपा के बढ़ते कद को देखते हुए गांवों में जो रोकने की कोशिश कांग्रेस कर रही है, उसमें वो सफल नहीं होगी। कांग्रेस सरकार ने हाल ही स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर लिए है, वो ठीक नहीं है।
लक्ष्मीनारायण डाड, भाजपा जिलाध्यक्ष
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नई ग्राम पंचायत (आसीन्द पंचायत समिति)
मोठी- मोठी, करमा का बाडिय़ा, सिंहपुरा व मावला फतेहगढ़
मालेसरी- मालासेरी, केसरपुरा, बठेड़ा, कानपुरा, चित्तौडिय़ा, काना का खेड़ा व रामपुरिया
गिरधरपरा- गिरधरपरा, बलेव, धावडिय़ा, ठूमिया व बाला का बाडिया
गरियाखेड़ा – गरियाखेड़ा, गोविन्दपुरा, गोपालपुरा व अखैगढ
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नई ग्राम पंचायत (मांडल पंचायत समिति)
भावलास- भावलास, करणवास, माणकियास व नवलपुरा
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नई ग्राम पंचायत (सुवाणा पंचायत समिति)
पातलियास- पातलियास, जित्याखेड़ी, ब्रह्मपुरी, पाटनिया, कुम्हारिया, कचोलिया, दॉताजत्ती
गठिला खेड़ा- गठिला खेड़ा व काणोली
गुवारडी- गुवारडी व कल्याणपुराबिलियाकलां -बिलियाकलां, नारायणपुरा व कान्याखेड़ी
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नई ग्राम पंचायत (शाहपुरा पंचायत समिति)
नई राज्यास-नई राज्यास, नाथडियास व आमली कालूसिंह
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नई ग्राम पंचायत (बिजौलियां पंचायत समिति)
लक्ष्मी खेड़ा- लक्ष्मी खेड़ा, गोरधनपुरा, चैनपुरिया, खेराडिया, रामपुरिया, किशनपुरिया व केशुविलास
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नई ग्राम पंचायत (हुरड़ा पंचायत समिति)
जालखेड़ा-जालखेड़ा, नगाजी का खेड़ा, शिवपुरा गोपलपुरा व अमरपुरा
रामपाल शर्मा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
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ये है नई पंचायत व उनके गांव
पंचायतों का पुनर्गठन एवं नई पंचायत समिति व पंचायतों का बनना प्रशासनिक प्रक्रिया है, हालांकि पुनर्गठन में राजनीति हुई है, भाजपा के बढ़ते कद को देखते हुए गांवों में जो रोकने की कोशिश कांग्रेस कर रही है, उसमें वो सफल नहीं होगी। कांग्रेस सरकार ने हाल ही स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर लिए है, वो ठीक नहीं है।
लक्ष्मीनारायण डाड, भाजपा जिलाध्यक्ष
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नई ग्राम पंचायत (आसीन्द पंचायत समिति)
मोठी- मोठी, करमा का बाडिय़ा, सिंहपुरा व मावला फतेहगढ़
मालेसरी- मालासेरी, केसरपुरा, बठेड़ा, कानपुरा, चित्तौडिय़ा, काना का खेड़ा व रामपुरिया
गिरधरपरा- गिरधरपरा, बलेव, धावडिय़ा, ठूमिया व बाला का बाडिया
गरियाखेड़ा – गरियाखेड़ा, गोविन्दपुरा, गोपालपुरा व अखैगढ
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नई ग्राम पंचायत (मांडल पंचायत समिति)
भावलास- भावलास, करणवास, माणकियास व नवलपुरा
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नई ग्राम पंचायत (सुवाणा पंचायत समिति)
पातलियास- पातलियास, जित्याखेड़ी, ब्रह्मपुरी, पाटनिया, कुम्हारिया, कचोलिया, दॉताजत्ती
गठिला खेड़ा- गठिला खेड़ा व काणोली
गुवारडी- गुवारडी व कल्याणपुराबिलियाकलां -बिलियाकलां, नारायणपुरा व कान्याखेड़ी
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नई ग्राम पंचायत (शाहपुरा पंचायत समिति)
नई राज्यास-नई राज्यास, नाथडियास व आमली कालूसिंह
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नई ग्राम पंचायत (बिजौलियां पंचायत समिति)
लक्ष्मी खेड़ा- लक्ष्मी खेड़ा, गोरधनपुरा, चैनपुरिया, खेराडिया, रामपुरिया, किशनपुरिया व केशुविलास
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नई ग्राम पंचायत (हुरड़ा पंचायत समिति)
जालखेड़ा-जालखेड़ा, नगाजी का खेड़ा, शिवपुरा गोपलपुरा व अमरपुरा