माण्डल क्षेत्र में संतोकपुरा पंचायत से जुड़े कोलीखेड़ा, देवा जी का खेड़ा, मोडा का खेड़ा, देवरिया के लोग खुद को पुरानी पंचायत से हटाकर नीम का खेड़ा से जोडऩे का विरोध कर रहे हैं। पूर्व सरपंच जगदीश गुर्जर ने बताया कि इन गांवों को संतोकपुरा से हटाकर नीम का खेड़ा को नई पंचायत बनाकर उसमें जोड़ा जा रहा है। जबकि संतोकपुरा मुख्यालय से ये गांव मात्र एक किमी दूर है। पटवार सर्कल भी संतोकपुरा है। यदि इन गांवों को आठ किमी दूर नीम का खेड़ा में जोड़ तो ग्रामवासियों को परेशानी होगी। इन गांवों को संतोकपुरा पंचायत में ही रखने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कलक्टर को ज्ञापन दिया। भैरू गुर्जर, राधेश्याम वैष्णव, डूंगा गुर्जर, मांगु कोली, देबी खारोल, भंवर चौहान, रामपाल चौहान, देवीलाल जाट, गोपाल पोसवाल, रामेश्वर खारोल आदि मौजूद थे।
रामपुरा व आनन्दपुरा के लोगों ने मालासेरी पंचायत में जोडऩे पर विरोध जताया है। भाजपा नेता मोहनलाल प्रजापति ने बताया कि ग्रामीणों ने कलक्टर के सामने पक्ष रखा। मालासेरी के गांव से 8 किमी की दूर होने की समस्या बताई। कहा कि मालासेरी जाने के लिए कांवलास होकर जाना पड़ता है जबकि कांवलास, रामपुरा, आनन्दपुरा गांव से एक किमी होने से कांवलास पंचायत में रामपुरा आनन्दपुरा को जोड़ा जाए। उपसरपंच महावीर प्रसाद शर्मा, भैरूलाल शर्मा, मांगीलाल शर्मा, लादूलाल शर्मा, तुलसीराम प्रजापति आदि उपस्थित थे।
ग्रामीणों ने कलक्टर को ज्ञापन दिया कि बाग्ला की झोपडिय़ा को किशनगढ़ पंचायत में जोड़ा जा रहा है। जबकि अभी नन्दराय में है। इससे ग्रामीणों को सुविधा है। बाग्ला की झोपडिय़ा को किशनगढ़ में जोड़ा तो नन्दराय होकर जाना पड़ेगा। नन्दराय २ किमी व किशनगढ़ ७ किलोमीटर दूर है। औजियाणा के ग्रामीणो ने भी ज्ञापन दिया। खेराडिय़ा के ग्रामीणों ने लक्ष्मीपुरा में मिलाने का विरोध किया। मांडल के रांवो का खेड़ा के ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर ज्ञापन दिया।