दिसम्बर तक आरके-आरसी के घरों में मिलेगी गैस
भीलवाड़ाPublished: Jul 08, 2020 10:42:47 am
भीलवाड़ा में बनेगा सीएनजी के लिए स्टोरेज प्लांट
RK-RC homes will get gas by December in bhilwara
भीलवाड़ा . गेल इंडिया के बाद अब गुजरात का अडाणी ग्रुप भीलवाड़ा में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) सप्लाई करेगा। वही आरके-आरसी, विजयसिंह पथिकनगर तथा शास्त्रीनगर के घरों में गैस सप्लाई करने के लिए पाइप लाइन डालने का काम तेजी से कर रहा है। घरों में गैस नवम्बर-दिसम्बर तक मिल पाएगी। यह गैस पाइप लाइन कांदा स्थित गेल इंडिया के टर्मिनल पाइंट से लाइ जाएगी। पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस रेग्युलेटरी बोर्ड ने राजस्थान के कुछ जिलों में गैस वितरण की मंजूरी दी थी। भीलवाड़ा व बूंदी जिले में प्राकृतिक गैस का वितरण अडाणी को दिया। सीएनजी स्टेशन बनाए जाएंगे।
अडाणी ग्रुप के प्रतिनिधियों ने दावा किया है कि शहर में पाइप लाइन डालने का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन बारिश का मौसम होने से इस काम में रूकावट आ सकती है। इसके चलते अब आरके कॉलोनी, आरसी व्यास, विजयसिंह पथिकनगर तथा शास्त्रीनगर में घर-घर गैस की सप्लाई के लिए पाइप लाइन डालने का काम चल रहा है। अभी मुख्य सड़क पर पाइप लाइन डाली जा रही है। उसके बाद ही गलियों में आवश्यकतानुसार पाइफ डाली जाएगी। सीएनजी स्टेशन सितम्बर माह तक शुरू हो सकते है। इसके लिए फिलहाल पाइप लाइन न डालकर सीधे टैंकरों के माध्यम से गैस की आपूर्ति करेगी।
गेल की पाइपलाइन तैयार
गेल इंडिया ने कोटा से भीलवाड़ा और चित्तौडगढ़़ के चंदेरिया तक गैस पाइपलाइन बिछाई है। कोटा से भीलवाड़ा के कांदा तक करीब 180 किमी लाइन बिछा रखी है, जो सप्लाई के लिए तैयार है। कांदा में टर्मिनल बनाया है, जहां से भीलवाड़ा के उद्योगों को भी गैस सप्लाई हो सकेगी। कांदा से लाइन आगे चंदेरिया जा रही है। चंदेरिया में हिंदुस्तान जिंक तक गैस पाइप लाइन डाल रखी है।
प्रोसेसए डाइंग हाउस व स्टील प्लांट के लिए वरदान
भीलवाड़ा में नेचुरल गैस के लिए बड़े ग्राहकों के रूप में यहां के 19 प्रोसेस व डाइंग हाउस, जिंदल सॉ लिमिटेड और चंदेरिया और आंगूचा के हिंदुस्तान जिंक प्लांट हैं। इनके अलावा भी कई और इंडस्ट्रीज बिजली, कोयले के मुकाबले सस्ती मिलने पर गैस लेने को तैयार हो सकती हैं। यह गैस ऑटो, फोर व्हीलर व हेवी व्हीकल में काम आ सकती है। खनिज क्षेत्र में इंश्यूलेशन ब्रिक्स उद्योग, साबुन उद्योग, होटल, चिकित्सा, कॉमर्शियल क्षेत्र में भी गैस काम आ सकती है।
उद्यमियों का कहना है कि प्रोसेसहाउस, डाइंग हाउस में ईंधन के रूप में अभी कोयला उपयोग हो रहा है। अभी गैस की कीमतें कोयले से ज्यादा हैं इसलिए जब तक दरें सस्ती नहीं होती गैस खरीदने में परेशानी है। गैस लेने से पहले प्रोसेस डाइंग हाउसों को उनके बॉयलर्स अन्य मशीनरी में भी बदलाव करना पड़ेगा।