रणकपुर में रुकते रात, मौत ने पार नहीं करने दी देसूरी नाल मुकेश अग्रवाल बालाजी वेफर्स का कार्य करता था। वैन में उसकी पत्नी ममता, पुत्र यश व दर्शिल था। शिक्षक पंकज जैन वर्तमान में पांचवीं बोर्ड में शाहपुरा डाइट में तैनात था। उसकी पत्नी संगीता,पुत्री अवन्या व आनंदा भी वैन में सवार थे। मुकेश के साढू का पुत्र नीमच निवासी जयंत भी था। सभी सुबह छह बजे रवाना हुए। कांकरोली, गढ़बोर चारभुजानाथ के दर्शन कर इनका रणकपुर जाने का कार्यक्रम था। रात्रि विश्राम कर वहां से नाकोड़ा जाना था। काल ने देसूरी नाल में ही विकट मोड़ पर रास्ता रोक लिया और एसिड से भरा टैंकर इनकी वैन पर गिर गया।
तीन वाहनों में लाए गए शव पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों के मौके पर पहुंचकर शवों को चारभुजा चिकित्सालय की मोर्चरी में देर शाम शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। आठ शवों को तीन वाहनों में शाहपुरा लाया गया। जयंत का शव नीमच भेजा गया। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार शनिवार सुबह 7 बजे अंतिम यात्रा रवाना होगी। देर रात ही अंत्येष्टि की तैयारी के लिए राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और व्यापारी मुकेश व पंकज के निवास पर एकत्र होने लगे।
हर कोई स्तब्ध हादसे में शाहपुरा के आठ जनों की मौत की सूचना तहसीलदार व सीआइ के मार्फत पहुंची और सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो हर कोई स्तब्ध रह गया। बाजार में सन्नाटा छा गया। हर कोई मुकेश व पंकज के हंसमुख व्यवहार को याद करने लगा। कस्बे के अधिकांश लोग उनसे परिचित थे।