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सरपंचाई ने सिखाया दसख्त करना

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 18, 2020 08:09:53 pm

Submitted by:

Suresh Jain

15 दिन पहले आवदेन में लगाया था अगूंठा

Sarpanchai taught to hang in bhilwara

Sarpanchai taught to hang in bhilwara

भीलवाड़ा।
सीट भी क्या-क्या सिखा देती है। गांव के सरपंच की सीट पर बैठते ही एक अनपढ़ दसख्त करना सीख गया। एक बकरी चराने वाले अनपढ़ ग्वाले को क्या मालूम था कि मैं भी कभी सरपंच बन सकता हूं। रायला थाना क्षेत्र के 3 किमी दूर पर स्थित तथा आसीन्द उपखंड क्षेत्र ईरांस ग्राम पंचायत के सरपंचों की लॉटरी में सीट रिजर्व करके अनुसूचित जनजाति की हुई तो पंचायत से 6 उम्मीदवारों ने आवदेन किया और 4 सरपंच प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। इसमें तीन प्रत्याशी पढ़ लिख थे और एक जुवारा भील अनपढ़ ने सरपंच की सीट के लिए किया था । जब वह आवदेन करने आया तब वह अंगूठा लगता था। ईरांस ग्रामवासियों ने ज्वारा को अपना सरपंच चुना है और 30 वोटों से जिताया। गांव का सरपंच चुनने के लिए चुनाव का सारा खर्चा भी ग्रामवासियों ने ही किया।
मैं अंगूठा नहीं दसख्त करूंगा
ग्रामवासियों द्वारा रविवार को पदभार कार्यक्रम रखा गया था। जब सरपंच को शुभ मुहूर्त में माला व साफा पहनाकर सीट पर बैठाकर अंगूठा लगाने को कहा तो मना कर दिया और कहा कि मैं अंगूठा नहीं लगाकर दसख्त करूंगा। यह देखकर वहां मौजूद हर कोई चौक गया।
गांव के युवाओं ने सिखाया दसख्त करना
सरपंच ज्वारा ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद कुछ पढ़े लिखे युवाओं ने मुझे दसख्त करना सिखाया। एक सप्ताह के अभ्यास के बाद वह दसख्त करना सीख गया। ज्वारा ने बकायदा आमसभा में ग्रामीणों को संबोधित भी किया और देवनारायण भगवान के जयकारों के साथ पदभार ग्रहण किया।

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