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भीलवाड़ा

सूखे से सावन का आगाज, अधूरी रही छमछम की आस

खेतों में फसल मुरझा रही है। बांध और तालाब में पानी की गुल्लक खाली पड़ी है। धरती पुत्र के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं।

भीलवाड़ाJul 18, 2019 / 12:04 pm

Akash Mathur

Savaan's debut from drought, unfinished beaches

Savaan’s debut from drought, unfinished beaches

भीलवाड़ा. खेतों में फसल मुरझा रही है। बांध और तालाब में पानी की गुल्लक खाली पड़ी है। धरती पुत्र के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं। वजह-रूठा मानसून। हालात चिंताजनक हैं। सावन का आगाज हो चुका लेकिन पहला दिन ही सूखा बीता। बूंदों की छमछम की आस में लोग आसमान को टकटकी लगाए देख रहे हैं। इस समय एक दर्जन से अधिक बांध और तालाब खाली पड़े हैं। जहां सिंचाई तो दूर पेयजल के लिए भी पानी नहीं आया। जिले में इस बार २६ प्रतिशत बारिश हुई है। वर्ष-२०१८ में अब तक २७.१९ प्रतिशत बारिश हुई थी। पिछले साल से एक प्रतिशत बारिश अभी कम है।
https://www.patrika.com/bhilwara-news/sawan-first-day-pilgrims-temples-in-bhilwara-6757/

तापमान चढ़ा पायदान
शहर समेत जिले में १० दिन से एक बूंद भी बारिश नहीं हुई है। ८ जुलाई को आखिरी बार मानसून की मेहरबानी गांव और शहर में हुई थी। उस समय अधिकतम तापमान २८ डिग्री पहुंच गया था। बारिश नहीं होने से उमस ने बेहाल कर दिया और तापमापी का पारा पायदान चढ़कर ३५ डिग्री तक पहुंच गया।
गोवटा को छोड़ बाकी खाली
जिले के गोवटा बांध में २७ फीट के मुकाबले में १६ फीट पानी आ गया। सबसे बड़ा मेजा बांध में पानी ने गेज भी नही छूई। खारी बांध, कोठारी, माण्डल तालाब, नाहर सागर, सरेरी बांध, उम्मेद सागर, झडोल, मातृकुण्डिया, चन्द्रभागा, डोहरिया, कान्याखेड़ी, लड़की, नागदी, रायथिलियास, शिव सागर बांध खाली पड़े हैं। अरवड़, जेतपुरा, आंगूचा, गुवारड़ी, मंडोल, नवलपुरा, पचानपुरा टोकरवाड़ में मामूली पानी आया है। इससे सालभर निकलना सम्भव नहीं।
चम्बल ने रखी लाज, विस्फोटक होते हालात
भैसरोडग़ढ़ से लाया चम्बल का पानी जिले के लिए वरदान बना है। कभी वस्त्रनगरी की जीवन रेखा कहलाने वाले मेजा बांध में डेड स्टोरेज से भी कम पानी रह गया। एेसे में गर्मी के बाद प्यास बुझाना जलदाय विभाग के लिए मुश्किल हो जाता। लेकिन चम्बल आने के बाद जलसंकट के हालात से लोगों को मुक्ति मिली है।
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पिछले साल से वर्षा की तुलनात्मक स्थिति

तहसील २०१८ २०१९

आसींद १७९ ८१

बदनोर २४३ ११०

भीलवाड़ा १६२ २९८

हमीरगढ़ १७५ १७४

हुरड़ा २०० १५७

जहाजपुर १२७ १८६
कोटड़ी २७४ १४१

मांडल १९७ १३१

करेड़ा २३० १६३

मांडलगढ़ २१२ २३८

रायपुर ३४८ २०४

सहाड़ा २१२ २०९

शाहपुरा २११ १५४

फूलियाकलां १३८ १४३

बिजौलियां १५५ १३२
(१५ जून से १७ जुलाई तक की स्थिति )

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