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विलायती बबूल से कोयला बनाकर रोजगार का माध्यम चुना

locationभीलवाड़ाPublished: Dec 05, 2020 11:21:42 am

Submitted by:

Suresh Jain

कोरोना काल मे अच्छी मजदूरी मिली

Selecting a medium of employment by making coal from luxury acacia in bhilwara

Selecting a medium of employment by making coal from luxury acacia in bhilwara

भीलवाड़ा।
जिले के सवाईपुर क्षेत्र चारागाह जमीन सहित कई शामलाती जमीन या खाली वीरान जंगल देखने को मिलते हैं। इसमे विलायती बबूल जिसे ग्रामीण लोग अंग्रेजी बबूल नाम से पुकारते है। कम पानी मे कई जगह फैले हुए देखने को मिलते हैं। जो आजकल रोजगार का माध्यम बना हुआ है।अंग्रेजी बम्बूल की छोटी छोटी पत्तियों व कांटेदार पाया जाता है। जिसकी लकड़ी मजबूत होती है। इससे कोयला बनाकर बेचने से अच्छी आमदनी होती है।
ऐसे बनाते हैं कोयला
चारागाह, शामलाती, बंजर जमीन या जंगलात में पाए जाने वाले अंग्रेजी बंबूल की बोली लगाकर खरीदते हंै। फिर इसे जड़ सहित उखाड़कर सुखाया जाता है। सूखे हुये बम्बूल के मजबूत लकड़ी अलग कर कोयले के लिए तैयार की जाती है। जिसे पकाकर कोयला बनाया जाता है।
हल्की टहनियां व पत्ते चिमनी ईंट भट्टे में आती है काम
हल्की टहनियां व कांटेदार लकड़ी पर लोहे के टायर ट्रैक्टर से पीसकर बारीक किया जाता है। इसे र्इंट भट्टे सहित अन्य कार्यों में काम लिया जाता है। अंग्रेजी बबूल से बना कोयला टाट बोरो में पैककर बाहर भेजा जाता जो 5 रु प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। जब कोरोनाकाल में रोजगार संकट आया तो कई लोगों को यह रोजगार मिला।

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