scriptगांधीसागर तालाब में मिल रहे सात गंदे पानी के नाले | Seven dirty water channels are being found in Gandisagar pond | Patrika News

गांधीसागर तालाब में मिल रहे सात गंदे पानी के नाले

locationभीलवाड़ाPublished: Mar 06, 2021 10:10:29 am

Submitted by:

Suresh Jain

एनजीटी के निर्देश पर टीम ने किया तालाब का निरीक्षण, तीन जगहों से लिए पानी के सेम्पल

गांधीसागर तालाब में मिल रहे सात गंदे पानी के नाले

गांधीसागर तालाब में मिल रहे सात गंदे पानी के नाले

भीलवाड़ा।
मुख्यमंत्री से लेकर जिला कलक्टर तक शहर के बीच स्थित गांधी सागर तालाब का अवलोकन कर चुके है। उच्च न्यायालय से लेकर एनजीटी ने तालाब में जमा गंदगी को खतरनाक माना। तालाब की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च हो गए, लेकिन तालाब की स्थिति जस की तस है। एनजीटी के आदेश के बाद भी नगर परिषद के अधिकारी लापरवाही बरत रहे है। इसे लेकर एनजीटी ने उन्हें पुन: नोटिस जारी किए है। एनजीटी के निर्देश पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने नगर परिषद के अधिकारियों और याचिकाकर्ता बाबूलाल जाजू के साथ बुधवार को तालाब का निरीक्षण किया।
जाजू ने बताया कि तालाब में गंदे पानी की आवक रूक नहीं रही। यहां बिना बारिश के भी कभी कभार चादर तक चल जाती है। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस तालाब का दौरा कर जानकारी ली थी। उसके बाद से जिला कलक्टर कई दौरे कर चुके है, लेकिन हालात नहीं सुधर रहे है।
शहर के सात नालों का पानी अब भी इस तालाब में गिर रहा है। हालांकि नगर परिषद ने एनजीटी में शपथपत्र दे रखा है कि अब नालों का पानी इसमें नहीं गिरने देंगे, इसके बावजूद हालात जस के तस है। तालाब से मिट्टी निकालने से लेकर नाला निर्माण व गंदा पानी रोकने के लिए अब तक पांच करोड़ से अधिक की राशि व्यय हो चुकी है। उसके बाद भी गंदा पानी नहीं रूक पा रहा है।
रोज मरते हैं पशु-पक्षी
एनजीटी में बाबूलाल जाजू की याचिका पर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने गांधीसागर के पानी का नमूना लिया था, जिसकी रिपोर्ट चौंंकाने वाली थी। तालाब में बायोलोजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 33 मिलीग्राम आई, जबकि मानक तीन मिग्रा प्रतिलीटर या कम है। पीएच भी आठ आया। डिजॉर्ड ऑक्सीजन शून्य आया जो 5 आना चाहिए। इस जहरीले पानी से मछलियां ही नहीं, पशु-पक्षी भी मर रहे हैं।
तीन जगह से लिए पानी के नमूने
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी महावीर मेहता ने बताया कि तालाब में गंदे पानी के नाले को रोकने की जिम्मेदारी नगर परिषद की है, लेकिन वह इस काम में लापरवाही बरत रही है। जगह-जगह तालाब में गंदगी भरी पड़ी है। तीन जगह से पानी के नमूने लिए। एनजीटी में भी एक रिपोर्ट पेश की जाएगी।
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