550th holy light festival of Guru Nanak Dev गुरुद्वारा गुरूनानक सभा के अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह सोनी ने गुरुद्वारा साहिब में चल रहे सेवा कार्यों की जानकारी दी। सभी संगत एवं अतिथियों को बधाई एवं धन्यवाद दिया। ज्ञानी हरमीत सिंह ने ‘सतगुरू नानक प्रगट्या, मिटी धुंध जग चानण होवाÓ की व्याख्या करते हुए बताया कि गुरूनानक देव का जन्म तलवंडी में सन् 1469 कार्तिक पूर्णिमा को हुआ। इस कलयुग में अवतार धारण कर गुरूनानक देव ने ज्ञान की रोशनी से पूरी सृष्टि को प्रकाशमान कर सभी को अंधविश्वास से दूर कर एक अकाल पुरख परमात्मा में विश्वास रखने का उपदेश दिया। गुरूनानक देव के तीन मुख्य उपदेश कीरत करो अर्थात ईमानदारी से कर्म करो, नाम जपो ईश्वर की भक्ति करो तथा वंड छको-अपनी नेक कमाई में से बांटकर खाओ।
इस अवसर पर कीर्तन के लिए उदयपुर से आई बीबी जसवीर कौर ने भी गुरबाणी कीर्तन के माध्यम से संगत को निहाल किया। सचिव ऋषि पाल सिंह ने बताया कि इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु गुरू ग्रंथ साहिब को नतमस्तक हुए एवं गुरू का लंगर छका। कार्यक्रम में जिला कलक्टर राजेन्द्र भट्ट, पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर, शहर कोतवाल यशदीप भल्ला, भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण डाड, पार्षद कैलाश कृपलानी एवं अन्य व्यक्ति उपस्थित थे। गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के गुरप्रीत सिंह, इकबाल सिंह, श्रवण सिंह, जसमीत सिंह, दर्शन सिंह, नवजोत सिंह ने सभी को गुरू पर्व की बधाई दी।
पटेल नगर गुरुनानक देव दरबार डेरा संत बाबा अजीत सिंध के सान्निध्य में संत सूरज सिंह अपने संत साध संगत के साथ गूरूनानक देव पर्व मनाया। लंगर के साथ सत्संग हुआ। कार्यक्रम में हरीश मानवानी, घनश्याम लिमानी, सरदार महेंद्र सिंह खालसा, मीना लीमानी, जितेंद्र मोटवानी, बबलू भगत आदि उपस्थित थे।