शरद पूर्णिमा भी दो दिन
भीलवाड़ाPublished: Oct 27, 2020 10:44:04 am
कोरोना संक्रमण के चलते नहीं होगा सार्वजनिक समारोह
Sharad Purnima also two days in bhilwara
भीलवाड़ा।
इस बार शरद पूर्णिमा 30 अक्टूबर को शाम 5.२६ बजे से शुरू होगी, जो 31 अक्टूबर को रात 8.18 बजे तक रहेगी। पंडितों के अनुसार ऐसे में शरद पूर्णिमा महोत्सव 30 को और व्रत 31 अक्टूबर को रहेगा। इस बार अधिकमास होने से पूर्णिमा का चांद सामान्य से ज्यादा बड़ा दिखाई देगा। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मंदिरों में शरद पूर्णिमा पर बड़े आयोजन नहीं हो रहे। केवल खीर का भोग लगाकर पूजा अर्चना की जाएगी। मुख्य डाकघर के सामने स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार मंदिर पर सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। केवल भोग के लिए खीर बनाकर हनुमान जी चढ़ाया जाएगा। सांगानेर स्थित खाखरा वाले देवता के यहां बड़ा आयोजन होता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कोई भी बड़ा आयोजन नहीं होगा।
खुले आसमान के नीचे खीर
पंडित अशोक कुमार व्यास ने बताया कि शरद पूर्णिमा को चंद्रमा को अघ्र्य देकर और पूजन के बाद चंद्रमा को खीर का भोग लगाना चाहिए। रात 10 बजे से 12 बजे तक चंद्रमा की किरणों का तेज अधिक रहता है। खीर के बर्तन को खुले आसमान में रखना फलदायी होता है। इससे खीर में औषधीय गुण आ जाते हैं और वह मन, मष्तिक व शरीर के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती है। खीर को अगले दिन ग्रहण करने से घर में सुख-शांति होती है और बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इस समय गुरु धनु में और शनि मकर में स्वयं राशि पर रहेंगे। सूर्य, तुला, शुक्र कन्या राशि में नीच राशि पर रहेंगे। ऐसे संयोग में पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी, चंद्रमा और देवराज इंद्र का पूजन रात में करने से दरिद्रता दूर होगी। समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक चंद्रमा को मानते हैं।