आटे में नमक ही नहीं नमक में आटा मिला रहा था
जीएसएस व्यवस्थापक नितिन का दुस्साह देखो आटे में नमक नहीं बल्कि नमक में आटा मिला रहा था। परिवादी के पिता के निधन के बाद बीमा कम्पनी की ओर से ५० हजार रुपए का भुगतान होना था। व्यवस्थापक पारीक रिश्वत में आधी रकम की मांग कर बैठा था। उसने कहा था कि जो रकम जीएसएस से मिल रही है वह परिवादी के लिए फ्री है। ऐसे में बीमा के २५ हजार रुपए उसे दे भी दे तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।