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भीलवाड़ा

तो तकनीकी टेक्सटाइल-रेडिमेड गारमेंट्स में भी चमकेगा भीलवाड़ा

एग्रो फूड सेक्टर में भी बड़ी संभावनाजिला समिट में हुए करोड़ों के निवेश करार

भीलवाड़ाDec 23, 2021 / 10:18 pm

jaiprakash singh

तो तकनीकी टेक्सटाइल-रेडिमेड गारमेंट्स में भी चमकेगा भीलवाड़ा

तो तकनीकी टेक्सटाइल-रेडिमेड गारमेंट्स में भी चमकेगा भीलवाड़ा

जयप्रकाश सिंह
भीलवाड़ा
हाल ही में हुए प्रदेश के पहले जिला स्तरीय समिट के करार यदि पूरी तरह से क्रियान्वित हो जाते है तो कपड़ा उत्पादन में देश के प्रमुख शहरों में शुमार भीलवाड़ा तकनीकी टेक्सटाइल और रेडिमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में भी ख्याति अर्जित करेगा। भीलवाड़ा अपनी इन दोनों क्षेत्रों में काफी पिछड़ा हुआ है।
पिछले कुछ सालों में देश में रेडिमेड कपड़ों और तकनीकी टेक्सटाइल की मांग बढ़ी है। देश में अभी तकनीकी टेक्सटाइल का उत्पादन 8 प्रतिशत है। केन्द्र सरकार अगले पांच साल में इसे बीस प्रतिशत करना चाहती है। तकनीकी टेक्सटाइल में चिकित्सकीय सामान, वाहन, अग्निरोधक, विकिरण सुरक्षा, बुलेट प्रुफ जैकेट, स्पेस सूट, कृषि क्षेत्र में काम आने वाले कपड़े आते है। भीलवाड़ा में तैयार कपड़ा पंजाब और दक्षिण भारत राज्यों समेत कई देशों में रेडिमेड गारमेंट बनाने में काम आ रहा है। पिछले दिनों भीलवाड़ा में हुए समिट में करीब आधा दर्जन कंपनियों ने तकनीकी टेक्सटाइल और रेडिमेड गारमेंट्स की इकाई लगाने के लिए जिला प्रशासन से एमओयू किया है।

रेडिमेड के लिए स्वयं सहायता समूह उपयोगी
जिला कलक्टर शिव प्रसाद नकाते ने जिले में रेडिमेड गारमेंट्स की इकाई की इच्छुक कंपनियों को स्वंय सहायता समूह से जुड़ने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि भीलवाड़ा में दस हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूह है, जिनसे हजारों महिलाएं जुड़ी हुई है। इन महिलाओं को रेडिमेड कपड़े तैयार करने का प्रशिक्षण देकर स्किल लेबर तैयार किया जा सकता है।
फूड एग्रो प्रोसेसिंग में ३०० करोड़ का निवेश
भीलवाड़ा जिला खाद्य उत्पादन में भी अपना विशेष स्थान रखता है। मक्का, चना, मूंमफली, कपास, दालें, टमाटर, संतरा आदि के उत्पादन में जिला अग्रणी है। इनको देखते हुए कई उद्यमियों ने 8 एग्रो प्रोसेसिंग क्षेत्र में 300 करोड़ का निवेश करने का मानस बनाया है। एक उद्यमी ने तो 100 करोड़ से अधिक की लागत से मेगा एग्रो पार्क बनाने के लिए एमओयू किया है।
होटल एवं रिसोर्ट में भी 300 करोड़ का निवेश
भीलवाड़ा जिला चारों तरफ फोरलेन व सिक्सलेन से जुडा हुआ है। भीलवाड़ा जिले में आसीन्द का सवाई भोज, शाहपुरा का रामद्वारा, धनोप माता, माण्डलगढ क्षेत्र के जोगणियां माता, सिंगोली चारभुजा के साथ अब जहाजपुर के स्वति धाम, बिजौलियां के पाश्र्वनाथ मंदिर, काछोला के चंवलेश्वर आदि नए धार्मिक पयर्टक स्थल विकसित हुए है, जिसके कारण अब हजारों लोग यहां धार्मिक पयर्टन के लिए आ रहे है। धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए 6 उद्यमियों ने 300 करोड़ की लागत से नए होटल व रिसोर्ट बनाने के प्रस्ताव दिए है।

खनिज के क्षेत्र में 700 करोड़ रूपए
जिले में बजरी, क्वार्ट्ज फैल्सपार, सेण्ड स्टोन, ग्रेनाइट समेत 50 से अधिक तरह के मिनरल का उत्पादन होता है। भीलवाडा जिला प्रदेश की कुल रॉयल्टी का 25 प्रतिशत से अधिक का अंशदान करता है। मिनरल उत्पादों में वेल्यू एडिशन के लिए 10 उद्यमियों ने 700 करोड़ के प्रस्ताव दिए है।

इनमें भी होगा निवेश
समिट में मेडिकल, इंजिनियरिंग आदि क्षेत्र में भी निवेश के लिए प्रस्ताव आए हैं। फर्नीचर बनाने की इकाइयों में करीब 495 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव मिला है, इनमें 3400 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।


भीलवाड़ा में बहुत संभावनाएं
” भीलवाड़ा में टेक्निकल टेक्सटाइल, रेडिमेड गारमेंट्स और एग्रो फूड सेक्टर में अपार संभावनाएं है। समिट के बाद भी उद्यमी यहां निवेश के लिए इच्छुक है। अभी तक निवेश के प्रस्ताव मिल रहे हैं। टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए केन्द्र सरकार यहां एक्जीबिशन लगाने के लिए तैयार है।
शिव प्रसाद नकाते, जिला कलक्टर भीलवाड़ा

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अन्य क्षेत्रों में बढ़े कदम
”भीलवाडा अब स्पिनिंग, वीविंग से आगे बढ़कर तकनीकी टेक्सटाइल की ओर कदम बढ़ा रहा है। इसमें प्रचुर संभावना है। यह भीलवाड़ा के विकास के लिए शुभ संकेत है। एग्रो व मिनरल प्रोसेसिंग इकाइयां लगने से वेल्यू एडीशन होगा।
आर.के जैन, महासचिव, मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री
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तेजी से आगे बढ़ रहे हैं
” प्रदेश का पहला समिट भीलवाड़ा में हुआ है। इसमें कुल 10 हजार 500 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आए है। इन उद्योगों में 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। एमओयू पर तेजी से आगे बढ़ रहे है। एलओआई के प्रस्ताव में उद्यमियों को कैसे अधिक से अधिक लाभ दिया जा सकता हैं, इस पर सभी विभाग काम कर रहे है।
राहुल देव सिंह, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र
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