सूर्य ग्रहण: भीलवाड़ा में दूधिया हुई रोशनी, लोगों ने घरों में भजन-कीर्तन किए
साफ -सफाई के बाद मंदिरों के पट खुले

भीलवाड़ा .
इस साल के पहले सूर्य ग्रहण के कारण भीलवाड़ा में दिन में ही सूरज निकलने के बाद भी दूधिया रोशनी हो गई। सुबह से ही सूरज और बादलों में लुका-छिपी हो रही थी, लेकिन 10 बजे के आसपास सूरज पूरी तरह चमकने लगा। ग्रहण के शुरू होते ही सूरज की रोशनी मध्यम पडऩे लगी। इससे पक्षियों के चहकने की आवाजें कम हो गईं। हालांकि, इस स्थिति में भी लोग सूरज को खुली आंखों से नहीं देख पाए। ग्रहण काल खत्म होने के बाद साफ सफाई करके मंदिरों के पट खोल दिए गए। पूजा-अर्चना के बाद भगवान को भोग लगाया गया।
शहर में लोगों ने घरों से ही सूर्यग्रहण देखा। इस दौरान उन्होंने आंखों पर एक्सरे फिल्म और ग्लास का उपयोग किया।
सूर्य ग्रहण के शुरू होते ही लोगों ने घर में कीर्तन और जप शुरू कर दिए। घर के सदस्यों ने भगवान के पास बैठकर सूर्य देवता के मंत्र का जप किया। हनुमान चालिसा, गायत्रीमंत्र का लगातार मंत्रोचारण किया गया। १२ बजे बाद दूदिया रोशनी की किरणें जमीन पर आ रही थी। लोगों ने इस ग्रहण को उत्साह व पूरी सावधानी के साथ देखा।
सूर्य ग्रहण से ठीक 12 घंटे पहले ही सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए गए थे। इस दौरान लोगों ने खाना नहीं खाया और बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने दिया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बार सूर्य ग्रहण धनु राशि में आ रहा है। इसलिए देश-दुनिया पर इसके दुष्प्रभाव ज्यादा पड़ेगे।
संकट मोचन मंदिर के खोले पट
भीलवाड़ा में सूर्य ग्रहण का 10.३8 के आसपास रहा। इस दौरान आसमान में हल्की धूप और बादल छाए रहे। पंडित अशोक व्यास ने बताया कि अगर ग्रहण के दौरान बारिश होती, तो इसके दुष्प्रभाव कम हो जाते। इस बार सूर्य के ज्यादा चमकदार होने के कारण लोग इसे खुली आंखों से नहीं देख पाए। दोपहर बाद संकट मोचन हनुमान मंदिर, बालाजी मंदिर, बड़ा चारभुजा मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर सहित सभी मदिरों के पट दोपहर बाद खोले गए। मंदिर परिसर को पानी से धोने के बाद ही भगवान के भोग लगाया गया।
ग्रहण के दौरान पूजन करते रहे लोग
व्यास ने बताया कि ग्रहण समय में अच्छे फल के लिए लोगों ने घर पर रहकर जाप और हवन आदि किए। इसके बाद तीर्थ, स्नान और दान आदि की परंपरा है। रात को ही लोगों ने घर में खाने-पीने की वस्तुओं में कुशा या तुलसी के पत्ते तथा डाब डाल दिए थे। मिथुन, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वाले ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं आए। ग्रहण से तीन ग्रह प्रभावित हो रहे हैं। राहु ग्रहण लग रहा है, बुध सूर्य के साथ बैठा हुआ है और मंगल सूर्य को देख रहा है।
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