scriptडॉ. चावला बोलें, कोरोना के नाम से गश खा जाते है लोग | Speak Dr. Chawla, people eat gush in the name of Corona | Patrika News

डॉ. चावला बोलें, कोरोना के नाम से गश खा जाते है लोग

locationभीलवाड़ाPublished: Jul 01, 2020 11:47:06 am

उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. घनश्याम चावला कोविड पोर्टल के नोडल प्रभारी होने के साथ ही जिला रेपिड रेस्पोस फोर्स के प्रभारी है। १८ मार्च से वो दिन के साथ ही रातों में टीम के साथ अभी तक दौड़ रहे है। वो बताते है कि मेडिकल कॉलेज लेब से किसी भी संक्रमित रोगी की जानकारी सामने आते ही उनकी भाग दौड़ शुरू हो जाती है। शहर से लेकर जिले के अंतिम छोर तक वो कई मौकों पर टीम के साथ पहुंचते है।

Speak Dr. Chawla, people eat gush in the name of Corona

Speak Dr. Chawla, people eat gush in the name of Corona

भीलवाड़ा। उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. घनश्याम चावला कोविड पोर्टल के नोडल प्रभारी होने के साथ ही जिला रेपिड रेस्पोस फोर्स के प्रभारी है। १८ मार्च से वो दिन के साथ ही रातों में टीम के साथ अभी तक दौड़ रहे है।
वो बताते है कि मेडिकल कॉलेज लेब से किसी भी संक्रमित रोगी की जानकारी सामने आते ही उनकी भाग दौड़ शुरू हो जाती है। शहर से लेकर जिले के अंतिम छोर तक वो कई मौकों पर टीम के साथ पहुंचते है। उक्त व्यक्ति के संक्रमित होने और उसके घर के साथ ही आसपास का क्षेत्र प्रभावित होने से उनके लिए यहां पूछताछ करना और इसके बाद कोरोना संक्रमित को समझा बुझा कर भीलवाड़ा में एमजीएच के आईसोलेशन वार्ड में लाना किसी चुनौती या एक मायने में किसी खतरे से कम नहीं होता है, लेकिन उनकी टीम हमेशा पूर्ण जोश के साथ काम पर रही है। अभी तक २५५ कोरोना संक्रमित आ चुके है और इनसे जुड़े करीब एक हजार से अधिक लोगों को जांच के लिए चिकित्सालय या क्वांरटीन सेंटर पर लाया जा चुका है।

डॉ.चावला बताते है कि लेब से लोगों की संक्रमित रिपोर्ट आने पर वो और उनकी टीम मोबाइल नम्बर से सूचना देती है। सूचना यह होती है कि जो जांच कराई है, उसका सेम्पल ठीक नहीं है, एेसे में दूसरा लेना है। इसके बाद उक्त व्यक्ति के घर पहुंचने पर वो संबधित कोरोना संक्रमित होने की जानकारी देते है, अधिकांश लोग यह सुनकर गश खा जाते है।
डॉ.चावला बताते है कि वो कोरोना काम में ढाई माह परिजनों से दूर रहे, कई घंटों पीपीई किट में बिताए। १७ मई को तो एक साथ २७ कोरोना संक्रमित आने से उनके हाथ पैर तक फूल गए, लेकिन किसी ने भी हिम्मत नहीं हारी।
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