सुरेश जैन भीलवाड़ा। जिले में संक्रमित और खतरनाक खाद्य सामग्रियों का अच्छा खासा बाजार फल-फूल रहा है। दूषित खाद्य सामान खाने-पीने का नतीजा है कि हर पांचवां व्यक्ति रोगों की चपेट में आता लग रहा है। बच्चों की सेहत पर दूरगामी असर पडऩे की आशंका है। सरकारी तंत्र खानपान में मिलावट रोकने में विफल रहा है। खाद्य सामग्रियों में घातक रसायनों का प्रयोग बड़ी समस्या बना हुआ है। रसोई में इस्तेमाल हर सामान पैकेट में उपलब्ध है। जानकारी के अभाव में इनके असली और नकली होने का पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है। असल में किचन में दूध, घी, बेसन, शहद यहां तक की सब्जियों में भी मिलावट होती है। इसकी पहचान जरूरी है। कई ऐसी खाद्य वस्तु होती हैं जो खाने का स्वाद बदलने के साथ स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ करती हैं। क्या शुद्ध और क्या मिलावटी, इसकी जानकारी बहुत जरूरी है। बीमारी के दे रहे न्योता मिलावटी खाने के कारण कई बीमारियां हो सकती है। आमजन को पता नहीं चल पाता कि किस मिलावटी खाने से बीमार हुआ। मिलावटी सब्जियों से एसिडिटी, तेज सिरदर्द, उल्टी और गर्भवती महिला पर घातक प्रभाव पड़ता है। सिंथेटिक दूध शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव डालता है। यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के साथ ही हृदय और किडनी को बीमार कर सकती है। इनमें होती है मिलावट – हल्दी में मक्के का पाउडर, पीला रंग और चावल की कनकी मिलाई जा रही है। मिलावट लीवर को खतरा पैदा करती है। – मिर्च में लाल रंग, फटकी, चावल की भूसी मिलाई जा रही है। इसके कारण लीवर सिकुडऩे की शिकायत पाई जा रही है। – धनिये में हरा रंग, धनिए की सींक मिलाने से लीवर पर सूजन आने की आशंका, जो सेहत की दृष्टि से खतरनाक है। – अमचूर में अरारोठ, कैंथ, चावल की कनकी मिलाई जा रही है। इससे पेट संबंधी कई रोग पनप रहे हैं। – गरम मसाला में मुख्य रूप से लौंग की लकड़ी, दालचीनी, काली मिर्च जैसे पदार्थ मिलाए जा रहे हैं जिनसे अल्सर का खतरा बढ़ रहा है। – जीरा में सोया के बीज बहुतायत में मिलाए जा रहे हैं, जो पेट संबंधी रोगों में वृद्धि के कारण है। – किशमिश में हरा कलर, गंधक का धुआं जैसी गैर सेहतमंद चीजें मिलाई जा रही है जिनका किडनी पर सीधा असर पड़ रहा है। – लॉकी, करेला और कद्दू में बड़ी संख्या में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाए जा रहे है। शारीरिक विकास बाधित होता है। – फलों में चमक के लिए मोम की पॉलिश, पकाने के लिए रसायनिक घोल का इस्तेमाल हो रहा है। इससे किडनी को नुकसान पहुंचता है। सरसों तेल में राइस ब्रान ऑइल की मिलावट फेफड़ों और शरीर में सूजन का कारण बन रही है। – शुद्ध घी में बटर ऑइल, वनस्पति और रिफाइंड के मिश्रण से हार्टअटैक की संभावना बढ़ रही है।