यहां लोगों के सहयोग से लोक देवता वीर तेजाजी महाराज की जीवनी पर आधारित संगीतमय मारवाड़ी मंचन किया गया। मंचन को जनसाधारण में खेल भी कहा जाता है। आसपास के गांव के लोग उमड़े। लोगों का उत्साह देखते बना। लोग वीर तेजाजी की वीरता को देखकर जोश में भर गए। सभी ने जयकारे लगाए। वीर तेजा कला मण्डल एण्ड पार्टी के प्रहलाद नट सहित कलाकारों ने शानदार मंचन किया।
लोक कलाकार प्रहलाद नट ने श्रोताओं को लीलण घोड़ी सोवणी रे मोतिया जड़ी लगाम खरनाल्या रा वीर तेजाजी ने झुक — झुक करू प्रणाम… आदि भजनों व कथा के माध्यम से भोर तक बांधे रखा। लोक देवता वीर तेजाजी महाराज के खेल में मीणा ने हीरा गुर्जरी की गाय ले जाना, मीणा के साथ तेजाजी की लड़ाई, नागदेवता का भाला पर चढ़ कर तेजाजी महाराज की जीभ पर डसना, पेमल का तेजाजी के साथ प्राण त्याग का नाट्य रूपान्तरण के माध्यम से मंचन किया। अलग —अलग रूप से उनकी जीवनी पर कलाकारों ने प्रस्तुतियां देकर लोगों को भोर तक बांधे रखा। इसके बाद मंदिर पर भगवान तेजाजी महाराज की विशेष पूजा — अर्चना की गई। Staging of life of Veer Tejaji Maharaj in Bhilwara