१५ के बजाय २३ किमी जाना होगा
अंटाली पहले आसीन्द में थी। जो आसीन्द से 18 किमी है। अंटाली को बदनोर में मिलाया जाता तो 15 किमी दूरी होती, लेकिन हुरड़ा पंचायत समिति में शामिल किया, जो 23 किमी है। अंटाली के ग्रामीणों को हुरड़ा जाने के लिए दो-तीन बस बदलने होगी। पहले आसीन्द, गुलाबपुरा और फिर हुरड़ा जाना होगा।
अंटाली पहले आसीन्द में थी। जो आसीन्द से 18 किमी है। अंटाली को बदनोर में मिलाया जाता तो 15 किमी दूरी होती, लेकिन हुरड़ा पंचायत समिति में शामिल किया, जो 23 किमी है। अंटाली के ग्रामीणों को हुरड़ा जाने के लिए दो-तीन बस बदलने होगी। पहले आसीन्द, गुलाबपुरा और फिर हुरड़ा जाना होगा।
2015 में यह हुआ परिसीमन
वर्ष 2015 में पुनर्गठन में प्रतापपुरा को खेजड़ी से निकालकर अंटाली में शामिल किया था। खेजड़ी पंचायत समिति हुरड़ा में शामिल थी। अंटाली आसीन्द पंचायत समिति में थी। अब अंटाली को हुरड़ा में लेने से क्षेत्र के लोगों को परेशानी होगी।
वर्ष 2015 में पुनर्गठन में प्रतापपुरा को खेजड़ी से निकालकर अंटाली में शामिल किया था। खेजड़ी पंचायत समिति हुरड़ा में शामिल थी। अंटाली आसीन्द पंचायत समिति में थी। अब अंटाली को हुरड़ा में लेने से क्षेत्र के लोगों को परेशानी होगी।
लोगों ने कराया था विरोध दर्ज
अंटाली के उप सरपंच लक्ष्मण सिंह सहित ग्रामीणों ने 25 अक्टूबर को जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर अंटाली को आसीन्द पंचायत समिति में रखने कीमांग की थी। कलक्टर ने इसकी रिपोर्ट उपखंड अधिकारी आसीन्द व गुलाबपुरा से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट ग्रामीणों के पक्ष में नहीं थी।
अंटाली के उप सरपंच लक्ष्मण सिंह सहित ग्रामीणों ने 25 अक्टूबर को जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर अंटाली को आसीन्द पंचायत समिति में रखने कीमांग की थी। कलक्टर ने इसकी रिपोर्ट उपखंड अधिकारी आसीन्द व गुलाबपुरा से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट ग्रामीणों के पक्ष में नहीं थी।