लेकिन अब जीएसटी में भी सभी व्यापारियों को हर कानून की जानकारी होने लगी है। ऐसे में कपड़ा व्यापारी भी अपना व्यापार उसी आधार पर करने लगे है। जीएसटी में इ-वे बिल में 50 किलोमीटर तक के दायरे के छूट से कपड़ा व्यापारियों को राहत मिली है। लेकिन अब भी कपड़ा यहां से प्रोसेस से के लिए बालोतरा भेजा जाने से व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इसे भी समाप्त करने के लिए मेवाड़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को भेजा है।
कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि श्राद्ध के बाद दुर्गा पूजा, दीपावली सहित अन्य त्यौहार के चलते कपड़ा बाजार में तेजी आएगी। यार्न में पांच रुपए किलोग्राम की तेजी आई है। वीविंग क्षेत्र में भी अब लूमे अपनी गति से चल रही है। देश भर से कपड़े की मांग शुरू होने के साथ ही व्यारियों ने भी अपनी योजना बनाना शुरू कर दिया है।
भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल शर्मा का कहना है कि श्राद्ध के बाद कपड़ा बाजार के पूरी गति से चलने की उम्मीद है, इसी को लेकर कपड़ा व्यापारी यार्न व कपड़ा बुक करा रहे है। प्रेमस्वरूप गर्ग का कहना है कि जीएसटी के बाद से टेक्सटाइल क्षेत्र के हालात में बदलाव आए है। अब व्यापारी जीएसटी के आधार पर काम करने लगे है। उसका फायदा भी होने लगा है। सुनील पाटनी का कहना है कि श्राद्ध शुरू होने के साथ ही कुछ दिन व्यापार ठण्डा रहेगा लेकिन उसके बाद से व्यापार में तेजी आना शुरू हो जाएगी।