वनपाल भंवर बारेठ ने बताया कि जिले में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ी हैं। खेतों, प्रतिष्ठानों, आवासों, गोदामों व नालियों में जहरीले जीवों के घुसने के मामले भी बढ़े हैं। एेसे में वन विभाग ने लोगों को तुरन्त मदद मिले, इसके लिए वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर सचिव कुलदीपसिंह राणावत को प्रशासनिक रेस्क्यू टीम में शामिल किया है। सांप या जहरीला जीव या किसी वन्यजीव की जानकारी देने के लिए एमएमएम गल्र्स स्कूल रोड पर वन विभाग कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल नम्बर ९८२९७५४४४९ या ९८२९८४८६४८ पर सूचना दी जा सकती है।
– घर में सांप घुस जाए, तो उसे छेड़ें नहीं। वह जहां बैठा है, वहीं रहने दे। एक बार उसके सामने चले जाएं और करीब पांच मिनट के लिए अकेला छोड़ दें, सांप निकलकर बाहर चला जाएगा।
– रात को जमीन पर नहीं सोए, पलंग का इस्तेमाल करें। कमरे में पलंग पर सोते हैं और कोई खिड़की है तो उसकी पलंग की दूरी कम से कम दो फ ीट हो। खिड़की के बाहर घासफूस या पेड़ हैं, तो हटा लें, ताकि जहरीला जीव-जंतु अंदर नहीं आए। दीवार से दो फीट की दूर सोएं। घर के बाहरी या घर के अंदर अनावश्यक चीजों को तुरंत हटा लें।
– जूता पहनने से पहले उसे चेक अवश्य करें, क्योंकि कई बार इनमें सांप छिपकर बैठे हो सकते हैं। किसी को सांप काट ले तो व्यक्ति को किसी धार्मिक स्थल के बजाय, तुरंत अस्पताल पहुंचाएं। अस्पताल ले जा रहे हैं, तो उसे गाड़ी में लेटाकर नहीं ले जाएं। गाड़ी में या मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले जाएं। पॉजिटिव बात करें नेगेटिव नहीं।
– पीडि़त को कम से कम समय में अस्पताल में भर्ती करना है। संभव हो तो सांप को जिंदा या मुर्दा अस्पताल ले जा सकते हैं, ताकि डॉ. किसी अनुभवी को बुलवाकर सांप की पहचान करा सकें। इससे इलाज में काफ ी मदद मिलती है।
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सावधानी ही बचाव
कोबरा व कॉमन क्रेट में न्यूरोटोक्सीन विनम पाया जाता है। रसेल वाइपर सा स्केल वाइपर में हिमो टॉक्सिन विनम पाया जाता है। कोबरा व कॉमन क्रेट में न्यूरोटोक्सीन विनम के कारण सीधा ब्रेन में असर करता है। समय पर इलाज नहीं मिले तो कुछ ही घंटों में व्यक्ति की मौत हो जाती है। रसेल वाइपर सा स्केल वाइपर में हिमो टॉक्सिन विनम पाया जाता है। इससे लिवर व किडनी को नुकसान पहुंचता है। इसमें व्यक्ति की मौत बहुत देरी से होती है, लेकिन बहुत दर्दनाक होती है इनसे बचाव का एक ही तरीका है सावधानी।
कुलदीपसिंह राणावत, सचिव वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर, भीलवाड़ा