प्रतिदिन स्टाफ ऑनलाइन पढ़ाई के बाद समय निकालकर प्रधानाचार्य के साथ विद्यालय की चट्टानों को विज्ञान और गणित की शैक्षणिक सामग्री बनाने में जुट जाते हैं। रॉक व स्टोन पेंटिंग कर पत्थरों में जान फूं कने का कार्य करने में लगी डॉ.कल्पना शर्मा ने बताया कि मानव शरीर के तंत्र, कोशिकाओं, उत्तकों, सूक्ष्म जीवों एवं गणित के संप्रत्ययों को चट्टानों व पत्थरों पर उकेरा गया है ।
साथ ही खेल-खेल में जल जागरुकता सांप-सीढी, पर्यावरण संरक्षण व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे संदेशों को चट्टानों पर उकेर कर विद्यालय को नवाचारों का केंद्र बना दिया गया है। इसी के साथ विद्यालय की भित्तियों पर पर कोविड जागरूकता,जल व पर्यावरण संरक्षण,आपणी लाडो-चुप्पी तोड़ो, सयानी बन्नो जैसी पेंटिंग्स जागरूकता का संदेश देने के साथ ही विद्यार्थियों व अभिभावकों और समाज के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। विद्यालय के वानस्पतिक, हर्बल, हैंगिंग एवं न्यूट्रीशनल गार्डन में कूपिका सिंचाई विधि जैसे नवाचार अपनाए जा रहे हैं।
संस्था प्रधान के साथ इस नवाचार में विद्यालय के शिक्षक ईश्वर सिंह चुंडावत, भरत देव धाभाई ,निशांत चौहान, नारायण लाल सुथार, राजेश सोनी, हेमंत कुमार गुर्जर, हिमांशु पारीक ,रामधन जाट ,एकता राठौड एलएनकोली,शिवराज वैष्णव की सक्रिय भागीदारी रही है।