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बच्चों की कल्पनाओं को पर लगाए दिए कल्पना ने

locationभीलवाड़ाPublished: Dec 03, 2020 12:09:44 pm

जिले के स्कूलों में नवाचार के जरिए राष्ट्रपति से सम्मानित होने के साथ विदेशों में भारतीय शिक्षा व भवनों में हुए नवाचार का डंका बजा चुकी डॉ. कल्पना शर्मा ने अब स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल बनेड़ा में कोरोना संकट काल के दौरान नवाचार की नई इबादत लिखी है। प्रधानाचार्य डॉ. कल्पना शर्मा के जुनून और कुछ कर गुजरने की जिद ने करोना काल में विद्यालय की तस्वीर बदल दी है, जिसके फ लस्वरूप विद्यालय में राज्य का पहला साइंस एंड मेथ्स एजुकेशनल पार्क अपना रूप ले चुका है।

The imagination put children's imagination on

The imagination put children’s imagination on


भीलवाड़ा। जिले के स्कूलों में नवाचार के जरिए राष्ट्रपति से सम्मानित होने के साथ विदेशों में भारतीय शिक्षा व भवनों में हुए नवाचार का डंका बजा चुकी डॉ. कल्पना शर्मा ने अब स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल बनेड़ा में कोरोना संकट काल के दौरान नवाचार की नई इबादत लिखी है। प्रधानाचार्य डॉ. कल्पना शर्मा के जुनून और कुछ कर गुजरने की जिद ने करोना काल में विद्यालय की तस्वीर बदल दी है, जिसके फ लस्वरूप विद्यालय में राज्य का पहला साइंस एंड मेथ्स एजुकेशनल पार्क अपना रूप ले चुका है।
नवाचारों का केंद्र बन चुके विद्यालय में इन दिनों संस्था प्रधान शर्मा ने न केवल विद्यालय परिसर के भीतर वरन् विद्यालय के मार्ग में आने वाली सड़क के दोनों और स्थित चट्टानों पर रॉक पेंटिंग द्वारा जागरूकता की अलख जगा दी है। इन प्राकृतिक चट्टानों को टीचिंग लर्निंग मैटेरियल के रूप में विकसित करने का नवाचार करने की पहल जब डॉ. कल्पना शर्मा ने की तो विद्यालय के शिक्षकों एवं अशैक्षणिक स्टाफ ने भी संस्था प्रधान के साथ इस कार्य में जुट कर पूर्ण मनोयोग से सहयोग प्रदान किया ।
चट्टानों को बना दिया रंगों का कैनवास
प्रतिदिन स्टाफ ऑनलाइन पढ़ाई के बाद समय निकालकर प्रधानाचार्य के साथ विद्यालय की चट्टानों को विज्ञान और गणित की शैक्षणिक सामग्री बनाने में जुट जाते हैं। रॉक व स्टोन पेंटिंग कर पत्थरों में जान फूं कने का कार्य करने में लगी डॉ.कल्पना शर्मा ने बताया कि मानव शरीर के तंत्र, कोशिकाओं, उत्तकों, सूक्ष्म जीवों एवं गणित के संप्रत्ययों को चट्टानों व पत्थरों पर उकेरा गया है ।
साथ ही खेल-खेल में जल जागरुकता सांप-सीढी, पर्यावरण संरक्षण व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे संदेशों को चट्टानों पर उकेर कर विद्यालय को नवाचारों का केंद्र बना दिया गया है। इसी के साथ विद्यालय की भित्तियों पर पर कोविड जागरूकता,जल व पर्यावरण संरक्षण,आपणी लाडो-चुप्पी तोड़ो, सयानी बन्नो जैसी पेंटिंग्स जागरूकता का संदेश देने के साथ ही विद्यार्थियों व अभिभावकों और समाज के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। विद्यालय के वानस्पतिक, हर्बल, हैंगिंग एवं न्यूट्रीशनल गार्डन में कूपिका सिंचाई विधि जैसे नवाचार अपनाए जा रहे हैं।
यह बने सहयोग के सहभागी
संस्था प्रधान के साथ इस नवाचार में विद्यालय के शिक्षक ईश्वर सिंह चुंडावत, भरत देव धाभाई ,निशांत चौहान, नारायण लाल सुथार, राजेश सोनी, हेमंत कुमार गुर्जर, हिमांशु पारीक ,रामधन जाट ,एकता राठौड एलएनकोली,शिवराज वैष्णव की सक्रिय भागीदारी रही है।

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