READ: पेड़ों की रक्षा के लिए हंसते हंसते गंवा दी अपनी जान, चाहे सिर कट जाए पर पेड़ बच जाएं योगेश सूदखोरों के चंगुल में उलझ गया। सूदखोरों ने उससे अब तक दो से तीन करोड़ रुपए वसूल लिए। इतनी ही राशि की ओर मांग कर रहे है। सूदखोर परिवार को लगातार धमकियां दे रहे हैं। सूदखोरों ने पांच से दस प्रतिशत पर ब्याज वसूल कर लिया है। मूल रकम से तीन से चार गुना वसूल कर चुके हैं। उसके बावजूद मूल राशि बकाया बता कर फोन धमका रहे है। खाली दस्तावेज बताकर ब्लेकमेल किया जा रहा है। परिवार के साथ बदसलूकी जा रही है। सूदखोर परिवार के साथ किसी तरह अनहोनी भी कर सकते हैं। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उनका पुत्र अवसाद में है तथा काफी भयभीत है। उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई और सुरक्षा दिलाने की मांग की।
READ: मानसून की तैयारी में वनविभाग: पिछले वर्ष बच गए थे पौधे, इस बार घटाया लक्ष्य पुर में चौराहे से बोर्ड हटाने से रोष
पुर. पुर के गंगापुर रोड स्थित श्रीराम चौराहे से भगवान श्रीराम के बोर्ड को पुलिस द्वारा हटाने से विवाद हो गया।। बाद में नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा चौराहे पर फिर से बोर्ड लगाने के बाद लोग शांत हुए। जानकारी के अनुसार चौराहे पर कई साल से भगवान श्रीराम का बोर्ड लगा था। कस्बावासी इसे श्रीराम चौराहे के नाम से ही जानते हैं। बोर्ड पुराना होने व क्षतिग्रस्त होने के बाद स्थानीय लोग शनिवार को यहां नया बोर्ड लगा रहे थे।
पुर. पुर के गंगापुर रोड स्थित श्रीराम चौराहे से भगवान श्रीराम के बोर्ड को पुलिस द्वारा हटाने से विवाद हो गया।। बाद में नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा चौराहे पर फिर से बोर्ड लगाने के बाद लोग शांत हुए। जानकारी के अनुसार चौराहे पर कई साल से भगवान श्रीराम का बोर्ड लगा था। कस्बावासी इसे श्रीराम चौराहे के नाम से ही जानते हैं। बोर्ड पुराना होने व क्षतिग्रस्त होने के बाद स्थानीय लोग शनिवार को यहां नया बोर्ड लगा रहे थे।
जानकारी पर पहुंची पुलिस ने बोर्ड हटा दिया। इसके बाद वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। कार्रवाई का विरोध करते पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। पुर थानाधिकारी गजेन्द्रसिंह के समझाने पर कस्बावासी शांत हुए। लोगों ने थानाधिकारी को बताया कि नगर परिषद की स्वीकृति से ही यहां बोर्ड लगा हुआ है। इस पर थानाधिकारी ने नगर परिषद द्वारा ही बोर्ड लगाने की बात कही। सूचना पर नगर परिषद के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा चौराहे पर श्रीराम का बोर्ड लगाया तब विवाद शांत हुआ।