गड्ढों की सड़क, ये डगर नहीं आसां…।
भीलवाड़ाPublished: Aug 06, 2020 09:00:06 pm
15 साल से दर्द जेल रहे चांदगढ़ गांव वासीबारिश में बढ़ाई मुसीबत
The road of potholes, this path is not easy…in bhilwara
भीलवाड़ा . इसे सड़क कहे या फिर गड्ढों की सड़क। जो एक बार इस मार्ग से होकर निकल जाए तो वह दुबारा आने की भी नहीं सोचता है। ये स्थिति है सवाईपुर से बड़लियास मार्ग के चांदगढ़ गांव की। यहां के निवासी पिछले 15 साल से इस गड्ढ़ों की सड़क का दर्द जेल रहे है। लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। जबकि यह क्षेत्र पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष व जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्व. देवेन्द्रसिंह के गांव से जुड़ा है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क की हालत ऐसी है कि चौपहिया वाहन तो क्या, दुपहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल है। वर्तमान में सड़क पूरी तरह से गड्ढ़ों में तब्दील हो गई है। जिनमें बरसाती पानी भरने से तालाब का रूप ले लिया है। सड़क का निर्माण नहीं होने के कारण हर कदम पर गहरे गड्ढे हो गए है। इन सड़क पर कोई वाहन चालक निकलता है तो वह दुबारा आने की भी नहीं सोचता है। रोजाना वाहन गड्ढ़ों में फस रहे है। इस मार्ग पर यातायात के अधिक भार को देखते हुए १५ साल पहले सरकार ने इस सड़क का निर्माण करवाया था। उसके बाद किसी ने इसकी सुध तक नहीं ली है। ग्रामीणों का कहना है कि देवेन्द्रसिंह के निधन के समय सार्वजनिक निर्माण विभाग ने रातो-रात यहां ग्रेवल डालकर सड़क के गड्ढ़ों को पाट दिया था। उसके बाद फिर विभाग ने इस और देखा तक नहीं है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता आरएल खटीक का मानना है कि यह सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। इसके लिए मार्च से पहले प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजे थे। कोरोना के कारण मामला अटक गया। उसके बाद फाइल भी आगे नहीं बढ़ी।
जिला परिषद के सदस्य प्रद्युम्नसिंह (हैप्पी बन्ना) का कहना है कि इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से बात करके प्रस्ताव बनाकर भेजा था। लेकिन हालात सामान्य नहीं होने से सड़क का काम अधर में पड़ा है। उन्होंने माना कि सड़क पर बने गड्ढ़े बारिश होने के बाद और खतरनाक हो गए हैं। लोग इनमें गिरकर लोग चोटिल हो रहे हैं। बारिश में जलभराव के बाद इन गढ्डों में पानी भर जाने से वाहन चालक व राहगीर निकलते समय गहरे गढ्डे के कारण गिरकर चोटिल हो रहे हैं। इस सड़क को जल्द ही दुरूस्त करवाया जाएगा।