भीलवाड़ा

सियासी जमीन की तलाश शुरू

वार्डों में हलचल तेज

भीलवाड़ाOct 19, 2020 / 09:19 pm

Suresh Jain

The search for political land started in bhilwara

भीलवाड़ा।
निकाय चुनाव ने स्थानीय नेताओं को सक्रिय कर दिया है। वे सियासी जमीन की तलाश में जुट गए हैं। हालांकि चुनाव लडऩे का मूड पहले ही बना चुके लेकिन वार्डों में आरक्षण की लाटरी से कुछ संशय था, जो अब छंट गया। पहले तय नहीं कर पा रहे थे कि किस वार्ड से चुनाव लड़े। लाटरी के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई। आरक्षण के हिसाब से वार्डों का चयन कर गोटियां फिट करने में जुट गएं। कुछ लोग राजनीतिक दलों के टिकट से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं तो कुछ अपने स्तर पर मैदान मारने की कोशिश में है। लोग अपने वार्ड की पंचायती में जुट गए। उधर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से स्थानीय निकायों की चुनावी तैयारी शुरू कर दी।
राजनीतिक दलों के टिकट पर चुनाव लडने के इच्छुक लोग पहले से दल के साथ जुड़े हैं। हालांकि दलों की ओर से अभी हरी झंडी का इंतजार है, लेकिन वे लोग अपना ग्राउंड मजबूत कर रहे हैं। वार्ड में स्थिति मजबूत दिखने पर ही इनको टिकट मिल सकेगा।
पसंदीदा वार्ड के लिए कोशिश
इस बार कुछ नए चेहरें भी मैदान में दम ठोक सकते हैं। एेसे लोग अपने पसंदीदा वार्ड में सेवाएं दे रहे हैं। इनको भी आरक्षण लाटरी का इंतजार था। ऐसे में वे पसंदीदा लग रहे दो-तीन वार्डों में काम कर रहे थे। अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है तथा वे इनमें से किसी एक वार्ड में जी जान से प्रयासरत हो सकेंगे। इस तरह के अधिकतर प्रत्याशी निर्दलीय के तौर पर ही मैदान में आएंगे।
तब सामने आता है अप्रत्याशित परिणाम
जातिगत आधार पर बहुमत मिलने की उम्मीद वाले लोगों ने भी अपने वार्ड पहले से ही तय कर लिए थे। आरक्षण तय होने के बाद अब खुलकर मैदान में आ सकेंगे। वैसे इस तरह के वार्ड में एक ही जाति के एक साथ प्रत्याशी मैदान में उतर जाते हैं तब स्थिति गंभीर होने लगती है। इन सबके बीच अप्रत्याशित परिणाम ही सामने आता है।
वार्ड की संख्या बढऩे से मिलेगा फायदा
नगर परिषद के वार्ड ५५ से बढ़कर ७० होने से अन्य कई लोगों को चुनाव लडऩे का मौका मिलेगा। वही जो लोग जमीन से जुड़ कर क्षेत्र के लोगों की सेवा करने या काम करने में लगे थे में अब खुलकर सामने आने लगे है।
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