Adulteration of milk शिकायत मिलने के दो दिन बाद विधानसभा की पर्यावरण समिति के अध्यक्ष अर्जुनलाल जीनगर ने जांच के आदेश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश शर्मा को दिए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी आनन्द चौधरी को मंगलवार को जांच आदेश मिलने पर समिति व्यवस्थापक लादू सिंह व अध्यक्ष राम सिंह के बयान दर्ज किए। दोनो ने बताया कि १३ सितम्बर को १४० लीटर दूध समिति पर आया था। इसमें से ६० लीटर विक्रम सिंह ले गया। १२ लीटर स्कूल व चार लीटर पास के खेड़ा स्कूल में मिड डे मील के तहत ले गए थे। शेष ६४ किलो दूध भीलवाड़ा डेयरी में भेज दिया गया। चौधरी ने स्कूल के अध्यापकों के भी बयान दर्ज किए। अध्यापकों ने बताया कि दूध में कोई शिकायत नहीं थी। इधर, विक्रम सिंह के पास भी उस दिन का दूध या दही नहीं होने से तय नहीं हो सका कि दूध में क्या मिला हुआ था। चौधरी ने भीलवाड़ा डेयरी से १२ से १६ सितम्बर तक समिति से पहुंचे दूध की जांच रिपोर्ट भी तलब की है।
यह है सवाल
सवाल यह है कि दूध का रबर कैसे बन गया। दूध सिन्थेटिक्स था, या किसी अन्य पदार्थ से बना हुआ था। इन सवालों का जबाव किसी के पास नहीं है, क्योंकि घटना के तीन दिन बाद जांच टीम पहुंची थी।
सवाल यह है कि दूध का रबर कैसे बन गया। दूध सिन्थेटिक्स था, या किसी अन्य पदार्थ से बना हुआ था। इन सवालों का जबाव किसी के पास नहीं है, क्योंकि घटना के तीन दिन बाद जांच टीम पहुंची थी।