scriptinside story of Bhilwara यह है भीलवाड़ा की अंदर की बात | This is the inside story of Bhilwara | Patrika News

inside story of Bhilwara यह है भीलवाड़ा की अंदर की बात

locationभीलवाड़ाPublished: May 23, 2022 12:23:17 pm

This is the inside story of Bhilwara भीलवाड़ा शहर एवं जिले में कानून-शांति व्यवस्था को लेकर कई बार सामूहिक दायित्व का भाव नजर नहीं आता। इसके पीछे कई कारण गिनाए जा सकते हैं। ऐसे में अफसरों की जिम्मेदारी की बात करें तो कहा जा सकता है कि तबादलों के बाद में नयों में जोश नजर आना चाहिए था, वह नहीं दिख रहा है।

यह है भीलवाड़ा की अंदर की बात

यह है भीलवाड़ा की अंदर की बात


नरेन्द्र वर्मा. भीलवाड़ा शहर एवं जिले में कानून-शांति व्यवस्था को लेकर कई बार सामूहिक दायित्व का भाव नजर नहीं आता। इसके पीछे कई कारण गिनाए जा सकते हैं। ऐसे में अफसरों की जिम्मेदारी की बात करें तो कहा जा सकता है कि तबादलों के बाद में नयों में जोश नजर आना चाहिए था, वह नहीं दिख रहा है। एसडीएम हर मोर्चे पर पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाती नजर आ रही है, लेकिन अधिकांश नए अफसर अभी तक खुद को शहर की कानून-शांति व्यवस्था की ड्यूटी के प्रति ढाल नहीं पाए। इनमें तहसील के बड़े अधिकारी तो जिले से ही वापसी की जुगाड़ में लग गए। हालांकि प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी जरूर व्यवस्थाओं पर शिकंजा कसे हैं। This is the inside story of Bhilwara
एमजी में सब बीमारी का इलाज
बीमारी तो बीमारी है। समय पर इलाज हो जाए तो पीड़ा से मुक्ति मिलना संभव है। चिकित्सकों से दूर रहेंगे या छिपाए रखेंगे तो फिर मर्ज लाइलाज हो सकता है। जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी चिकित्सालय में भी वरिष्ठ सर्जन ने अनोखा ऑपरेशन किया। नाजुक अंग से जुड़े ऑपरेशन को लेकर पीडि़त परेशानी के साथ शर्मिन्दगी के चलते चुप था। प्रदेश में इलाज नहीं होने की आशंका ने उसकी पीड़ा और बढ़ा दी लेकिन कहते है ना कि चिकित्सक भगवान का रूप होते हैं। वरिष्ठ सर्जन इसी अवतार में नजर आए और सफल ऑपरेशन कर दर्द से निजात दिलाई।

कनेक्शन में न जाने कौनसा करंट
चिंतन एवं मनन शिविर के बाद जिले में नए कांग्रेस जिलाध्यक्ष को लेकर मंथन शुरू हो गया। बीज आयोग के अध्यक्ष यूपी की चुनावी कमान संभाले थे। ऐसे में चर्चा थी कि जिले के चुनाव की कमान यूपी के किसी नेता के हाथ में चली जाए तो बड़ी बात नहीं। आखिर में हुआ भी यही। प्रदेश कांग्रेस ने जिलों के निर्वाचन अधिकारी के नामों की सूची जारी की तो उसमें जिले के चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी यूपी के एक नेता को दी गई। नेताजी का चुनावी दौरा शुरू हुआ तो कई अन्य चर्चे भी शुरू हो गए। चर्चा है कि नए जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर अन्य धड़ों में यह बात जरूर पैठ जमाए है कि दिल्ली के कनेक्शन में गहलोत का करंट दौड़ेगा तो ही बात बनेगी।

यह दाग ना जाने कब धुलेंगे

खाकीजी के दिनमान कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। सब कुछ अच्छा करने के बावजूद कुछ मौके पर किरकरी हो ही जाती है। हालांकि आला अधिकारी खाकी पर दाग को धो डालने की दलील दे रहे हैं। यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि हम ऐसी कार्रवाई कर रहे हैं कि आप दाग ही ढूंढ़ते रह जाओगे। यहां चर्चा है कि प्रदेश की कभी गृह रक्षा की कमान संभाल चुके कटारियाजी भी जिले की पुलिस के कामकाज से पूरी तरह से खुश नहीं है। पूर्व एडीजीपी भी और कसावट चाहते हैं। ले के भाजपा विधायक तो मौका मिलते ही खाकी जी को घेरे रहते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी गुपचुप यह कह देते हैं कि यह तो उनके ही होकर रह गए हैं।
पढ़ाने में नहीं लग रहा मन

राजनीतिक अखाड़ों के संख्या अब सीमित नहीं रही है। कई विभाग अखाड़े बनने लगे हैं। इनमें सरकारी स्कूलें भी अछूती नहीं रही है। कई अभिभावक कहने लगे हैं कि गुरुजी का ध्यान भटकने लगा है। वह पढ़ाने पर कम और राजनीति पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। कुछ गांवों की चौपालों पर भी ऐसे गुरूजी को स्कूलों से हटाने की मांग होने लगी है। सुवाणा पंचायत समिति के कई सरकारी स्कूलों को लेकर शिकायतें अधिक है। गांव के प्रबृद्धजनों काे आशंका है कि गुरुजी की ऐसी राजनीति से सौहार्द में कहीं अशांति का कंकर ना उछल जाए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो