सेहत व पर्यावरण के लिए पॉलीथिन खतरनाक बन गया है। इसमें रखी खाने-पीने की चीजों को इस्तेमाल करना खतरनाक है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति जहां नष्ट हो रही है। नाले जाम हो जा रहे हैं। कूड़े पर बिखरे पॉलीथिन खाकर पशु बीमार और तालाबों में जमा प्लास्टिक से जलीय जीवों को नुकसान पहुंच रहा है। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए कपड़ा का झोला लेकर बाजार जाने की आदत डालनी होगी।
बाहर से आ रही पॉलीथिन
शहर की सब्जी मंडी हो या फल मंडी। सभी जगह पर पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। कोरोना काल में भी इनका जमकर उपयोग हुआ। कई संगठनों ने पॉलीथिन में ही भोजन के पैकेट बनाकर वितरित किए। पॉलीथिन अहमदाबाद से आ रही है। जिसे कोई नही रोक पा रहे है। इसके कारण हर सब्जी विक्रेता के पास पॉलीथिन की थैलिया आसानी से मिल जाएगी। जिम्मेदार अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे है।
नहीं हो रही पालना
पॉलीथिन पर रोक के बावजूद भी इसकी पालन नहीं हो रहा है। सोमवार सुबह सब्जी मंडी में ग्राहकों का आना-जाना भी शुरू हो गया था। यहां आने वाले कुछ ग्राहक तो अपने साथ सब्जी खरीदने के लिए थैला लेकर आते दिखे तो कुछ खाली हाथ। सभी सब्जी दुकानदार ग्राहकों की पसंद की सब्जी पॉलीथिन में भरकर दे रहे थे। शाम की सब्जी मंडी में कई ग्राहक अपने साथ थैला लेकर पहुंचे। वे सब्जी थैला में लेने की जगह पॉलीथिन में ही लेते दिखे। ग्राहकों के अलावा यहां कई दुकानदार भी सब्जी लेने पहुंचे थे। शाम की सब्जी मंडी में बिना थैला के सब्जी खरीदने वालों में अधिकांशत: अलग-अलग सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले थे। ऑफिस की छुट्टी होने के बाद ये लोग हर दिन यहां से सब्जी खरीदकर घर ले जाते हैं।
प्लास्टिक के दुष्प्रभाव
प्लास्टिक प्रोडक्ट में प्रयोग होने वाला बिस्फेनॉल कैमिकल ह्यूमन बॉडी में लीवर एंजाइम को प्रभावित कर देता है। पॉलीथिन का कचरा जलाने पर कार्बन डाई ऑक्साइडए कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी विषैली गैस निकलती है। सांसए स्किन की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। पॉलीथिन में गर्म चायए जूस ले जाने पर उसके कैमिकल सीधे शरीर में पहुंचते हैं। जमीन की उर्वराशक्ति को पहुंच रहा है नुकसान। संपर्क में आने पर खून में थेलेटस की मात्र बढ़ रही है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु का डवलपमेंट डिस्टर्ब हो रहा है। यह कभी नष्ट नहीं होती। मवेशियों की जान को खतरा। पर्यावरण को नुकसान। पेय या खाद्य पदार्थ पॉलीथिन में रखने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
कैंसर और नपुंसकता का भी खतरा
डॉक्टर बताते हैं कि प्लास्टिक के बर्तन में गरम खाना रखने से खाने में लेड नामक रसायन जहर फैला सकता है। प्लास्टिक की गिलास में चायए काफी या फिर पॉलीथिन की थैली में जूस लेने से कैंसर और नपुंसकता तक की शिकायत हो सकती है।
बाहर से आ रही पॉलीथिन
शहर की सब्जी मंडी हो या फल मंडी। सभी जगह पर पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। कोरोना काल में भी इनका जमकर उपयोग हुआ। कई संगठनों ने पॉलीथिन में ही भोजन के पैकेट बनाकर वितरित किए। पॉलीथिन अहमदाबाद से आ रही है। जिसे कोई नही रोक पा रहे है। इसके कारण हर सब्जी विक्रेता के पास पॉलीथिन की थैलिया आसानी से मिल जाएगी। जिम्मेदार अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे है।
नहीं हो रही पालना
पॉलीथिन पर रोक के बावजूद भी इसकी पालन नहीं हो रहा है। सोमवार सुबह सब्जी मंडी में ग्राहकों का आना-जाना भी शुरू हो गया था। यहां आने वाले कुछ ग्राहक तो अपने साथ सब्जी खरीदने के लिए थैला लेकर आते दिखे तो कुछ खाली हाथ। सभी सब्जी दुकानदार ग्राहकों की पसंद की सब्जी पॉलीथिन में भरकर दे रहे थे। शाम की सब्जी मंडी में कई ग्राहक अपने साथ थैला लेकर पहुंचे। वे सब्जी थैला में लेने की जगह पॉलीथिन में ही लेते दिखे। ग्राहकों के अलावा यहां कई दुकानदार भी सब्जी लेने पहुंचे थे। शाम की सब्जी मंडी में बिना थैला के सब्जी खरीदने वालों में अधिकांशत: अलग-अलग सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले थे। ऑफिस की छुट्टी होने के बाद ये लोग हर दिन यहां से सब्जी खरीदकर घर ले जाते हैं।
प्लास्टिक के दुष्प्रभाव
प्लास्टिक प्रोडक्ट में प्रयोग होने वाला बिस्फेनॉल कैमिकल ह्यूमन बॉडी में लीवर एंजाइम को प्रभावित कर देता है। पॉलीथिन का कचरा जलाने पर कार्बन डाई ऑक्साइडए कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी विषैली गैस निकलती है। सांसए स्किन की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। पॉलीथिन में गर्म चायए जूस ले जाने पर उसके कैमिकल सीधे शरीर में पहुंचते हैं। जमीन की उर्वराशक्ति को पहुंच रहा है नुकसान। संपर्क में आने पर खून में थेलेटस की मात्र बढ़ रही है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु का डवलपमेंट डिस्टर्ब हो रहा है। यह कभी नष्ट नहीं होती। मवेशियों की जान को खतरा। पर्यावरण को नुकसान। पेय या खाद्य पदार्थ पॉलीथिन में रखने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
कैंसर और नपुंसकता का भी खतरा
डॉक्टर बताते हैं कि प्लास्टिक के बर्तन में गरम खाना रखने से खाने में लेड नामक रसायन जहर फैला सकता है। प्लास्टिक की गिलास में चायए काफी या फिर पॉलीथिन की थैली में जूस लेने से कैंसर और नपुंसकता तक की शिकायत हो सकती है।