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कही ये तीसरी आंख पोल पर ही ना लटकी रह जाए

locationभीलवाड़ाPublished: Aug 17, 2019 06:34:16 pm

शहर में ‘तीसरी आंखÓ (third eye ) से पुलिस (police ) का पहरा अब खटाई में है, सरकार बदलने के बाद नई सरकार के पाले में समूची योजना आने से उसकी क्रियांवति को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। मौजूदा हालात ये है कि अभय कमाण्ड योजना के तहत शहर को सुरक्षा (security ) की दृष्टि से तीसरी आंख की जद में लेने वाली मुम्बई की कम्पनी को छह माह बीत जाने के बावजूद फाइबर केबल मिली और ना ही रेलवे पटरी को क्रोस करते हुए उस पार केबल खींचने की मंजूरी। दूसरी तरफ कैमरे चालू नहीं होने से चोर शहर (city ) में विभिन्न स्थानों पर लगाए गए पोलों से उपकरण भी खोल कर ले जाने लगे है।

This third eye should not hang on the pole

This third eye should not hang on the pole

भीलवाड़ा।

शहर में ‘तीसरी आंखÓ (third eye ) से पुलिस (police ) का पहरा अब खटाई में है, सरकार बदलने के बाद नई सरकार के पाले में समूची योजना आने से उसकी क्रियांवति को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। मौजूदा हालात ये है कि अभय कमाण्ड योजना के तहत शहर को सुरक्षा (security ) की दृष्टि से तीसरी आंख की जद में लेने वाली मुम्बई की कम्पनी को छह माह बीत जाने के बावजूद फाइबर केबल मिली और ना ही रेलवे पटरी को क्रोस करते हुए उस पार केबल खींचने की मंजूरी। दूसरी तरफ कैमरे चालू नहीं होने से चोर शहर (city ) में विभिन्न स्थानों पर लगाए गए पोलों से उपकरण भी खोल कर ले जाने लगे है।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की अभय कमांड योजना के तहत विभिन्न विभागों की सांझा टीम ने पुलिस प्रशासन की अगुवाई में शहर की सभी प्रमुख कॉलोनियों से सटे चौराहा, प्रमुख बाजार, सार्वजनिक स्थल, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड और पिकनिक स्पॉट पर सीसीटीवी कैमरे (cc camera ) लगाए जाने की शुरूआत मई २०१८ में शुरू की। मुम्बई से आई कंपनी की टीम ने शहर में पुलिस व प्रशासन की मदद से २६५ लोकेशन तय की है। १३४ लोकेशन पर टीम ने सीसी पोल स्थापित कर दिए।
८० में से २१ सीसी कैमरे कर रहे काम
सुरक्षा कारणों से शहर में कलक्ट्रेट, रेलवे स्टेशन क्षेत्र, गोल प्याऊ ,भीमगंज थाना, सुभाषनगर थाना, नेहरू उद्यान, शिवाजी उद्यान,परशुराम सर्किल, अजमेर चौराहा, बस स्टैंड चौराहे व गायत्री आश्रम चौराहा क्षेत्र को पुलिस प्रशासन ने सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यहां ३३ पोल पर ८० सीसी कैमरे लगा दिए है, लेकिन अभी कलक्ट्रेट व रेलवे स्टेशन क्षेत्र में स्थापित २१ सीसी कैमरे ही चालू है। जबकि विभिन्न पोलों पर लगे अभी ५९ सीसी कैमरे अभी चालू नहींं हो सके है।
गत वर्ष प्रदेश में सत्ता में बदलाव के साथ ही शहर में सीसी कैमरे लगाने का काम ठंडा पड़ गया। फरवरी २०१९ में अंतिम १२ सीसी कैमरे लगे थे, लेकिन इसके बाद से कैमरे नहीं लग सके। कम्पनी को मांग के अनुरूप फाइबर केबल नहीं मिल सकी है, वही बजट भी नहीं मिलने से कम्पनी का भुगतान तक अटका हुआ है। इसी प्रकार रेलवे लाइन को भूमिगत तरीके से पार करने की मंजूरी भी रेलवे में अटकी हुई है। शहर में विभिन्न स्थानों पर सीसी प्लेटफार्म के लिए चिंहित जगह के साथ ही वहां पर निर्माण कार्य की मंजूरी नगर परिषद व सम्बन्धित विभागों से नहीं मिल सकी है।
शहर की सुरक्षा पुलिस प्रशासन का मुख्य ध्येय है, सुरक्षा व्यवस्था को और चौकस करने के लिए शहर में प्रमुख स्थलों, मार्गो व चौराहों पर सीसी कैमरे लगाए जाने जरुरी है। अभय कमाण्ड योजना के तहत कार्य में कहा गतिरोध आ रहा है, उसे दूर जल्द शहर में शेष स्थानों पर भी सीसी लगाएंगे।
हरेन्द्र कुमार महावर, पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा
शहर में कम्पनी ने मई २०१८ से सीसी लगाने का कार्य शुरू किया है। २१ सीसी कैमरे चालू किए जा चुके है और उनके जरिए कलक्ट्रेट व रेलवे स्टेशन चौराहा क्षेत्र पर नजर भी रखी जा रही है। फाइबर केबल की कमी एवं पोल के लिए चिंहित स्थलों पर निर्माण कार्य की मंजूरी नहीं मिलने से शेष पोलों पर सीसी लगाने का कार्य अभी बंद है। प्रयास है कि इस माह सीसी लगाने के कार्य को मंजूरी मिलें।
उमेश चौहान, नेटवर्क इंचार्ज, अभय कमांड योजना
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तीसरी आंख ये भी रखेगी नजर
१. कैमरों के दायरे में गुजरने वाले वाहनों को जीपीएस के दायरे में लाया जा सकेगा। इससे वाहन की लोकेशन पता की जा सकेगी। वाहन की गति कितनी है और चालक का नियंत्रण कैसा है। इसकी भी जानकारी ये कैमरे दे सकेंगे। इस सिस्टम के जरिए इंटलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट भी प्रभावी हो सकेगा।
२. ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने पर वाहन की नम्बर प्लेट देखकर चालक के खिलाफ पर चालान भी काट सकेंगे। ३. अभय कमांड कंट्रोल रूम पर पुलिस टीम के साथ कंपनी के कर्मचारी भी तैनात रहेंगे।
४. पुलिस कंट्रोल रूम का सौ नम्बर भी बाद में यहां काम करेगा। सौ नम्बर की कॉल ट्रेस करने के बाद सम्बन्धित सुरक्षा व पुलिस टीम को मौके पर रवाना किया जाएगा।
५.महिला हेल्पलाइन १०९० भी इसी नियंत्रण कक्ष में कार्य कर रहा है।
६. कंट्रोल रूम पर आने वाली कॉल की स्वत: रिकार्डिंग हो सकेगी और उसका मेप लोकेशन भी ट्रेस हो सकेगा। ………………………
सीसी कैमरे फॉरेसिंक जांच लेब के लिए बनेंगे मददगार
अभय कमांड योजना के तहत सीसी कैमरे फॉरेसिंक जांच भी कर सकेंगे। इनमें मुख्यत: डिजिटल एवीडेंस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर के साथ सेंटर पर फेस, रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर, चेहरा पहचानना, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सिस्टम, वीडियो विश्लेषण मुख्या है। इसी प्रकार फोरेंसिक इंवेस्टिगेशन सॉफ्टवेयर, फोटो मिलान करवाने,वीडियो धोखाधड़ी को कम करने, डिजीटल फोटो के सोर्स कैमरे का पता लगाना, एडिट की गई फोटो या वीडियो के और पीडीएफ फाइल्स का पता लगाना, डिजीटल इमेज और वीडियो के बदलाव किए गए हिस्से को हाइलाइट करवाने, अपराधी को पकडऩे के लिए वीडियो फुटेज, वीडियो साक्ष्य की फोरेंसिक जांच करना आसान होगा और पुलिस को भी मदद मिलेगी।
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