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जो थे अपने-करीबी वो भी अब अनजाने हो गए

locationभीलवाड़ाPublished: May 06, 2021 11:23:41 am

कोरोना संकट काल में हो रही मौतों से ह्दय विदारक हालात सामने आ रहे है, खास कर परदेस से आ कर बसे परिवारों में मौत के बाद शव को उठाने वाला भी कोई नहीं मिल रहा है। कई परिवार तो ऐसे है, जहां घर में हुई मौतों की भी जानकारी शेष परिजनों के होस्पीटल में भर्ती होने या होम आइसोलेट होने से नहीं हो पा रही है।

Those who were close to him also became unconscious

Those who were close to him also became unconscious

भीलवाड़ा। कोरोना संकट काल में हो रही मौतों से ह्दय विदारक हालात सामने आ रहे है, खास कर परदेस से आ कर बसे परिवारों में मौत के बाद शव को उठाने वाला भी कोई नहीं मिल रहा है। कई परिवार तो ऐसे है, जहां घर में हुई मौतों की भी जानकारी शेष परिजनों के होस्पीटल में भर्ती होने या होम आइसोलेट होने से नहीं हो पा रही है।

बैंक अधिकारी की मौत से लोग सिसक उठे

शहर के एक युवा उपमहाप्रबंधक (बैंक) की एक निजी चिकित्सालय में मंगलवार सुबह कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। पत्नी कोरोना संक्रमित होने से घर में अपने दो छोटे बच्चों के साथ ही होम आइसोलेट है। पति की मौत की खबर सुनकर वह बदहवास हो गई, निजी चिकित्सालय से शव को मोक्षधाम तक ले जाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ, पत्नी के बेसुध होने एवं रिश्तेदारों के नहीं आने से जो मार्मिक हालात उभर कर सामने आए, उससे चिकित्सालय में मौजूद लोगों की आंख भर आई। शव की सुपुर्दगी के लिए नगर परिषद व पुलिस ने बाद में बैंक के ही एक कर्मचारी को राजी किया, लेकिन शव को चिकित्सालय से पंचमुखी मोक्षधाम ले जाने और यहां अंतिम संस्कार के दौरान केवल नगर परिषद के ही कर्मी पीपीई किट में मौजूद थे।

पति की मौत, पुलिस लाचार

बापूनगर में यूपी का दम्पती गुजर बसर कर रहा था, बुधवार को पति की घर में ही कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। पत्नी अचेत हो गई, बच्चे बिलख उठे। अंतिम संस्कार के लिए रिश्तेदार गांव से नहीं आए, आसपड़ोस भी अपने घरों में दुबक गया। शव को कोई मोक्षधाम तक ले जाने के लिए आगे नहीं आया। पुलिस व नगर परिषद को सूचना मिली तो अधिकारी भी सन्न रह गए। नगर परिषद ने शव को ले जाने की तैयारी की, लेकिन मौत के पीछे कई अन्य कारण होने की शंकाओं ने पुलिस व परिषद के कान खड़े कर दिए, आखिर में मानवीय पहलु व पत्नी के बयान के आधार पर शव का कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार करवाया गया।
घंटों तक पड़ा रहा शव

झारखंड का एक परिवार रोजी रोटी के लिए आजादनगर में बसा हुआ था। तीन सदस्यीय परिवार के युवा मुखिया की मंगलवार को चिकित्सालय में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। कई घंटे बीत जाने के बावजूद भी शव को उठाने व मोक्षधाम तक ले जाने के लिए कोई नहीं आया। पुलिस ने परिजनों को टटोला तो घर में सभी कोरोना संक्रमित मिले। पुलिस ने नगर परिषद की मदद से शव का अंतिम संस्कार करवाया।

हर संभव कर रहे मदद

बैंक अधिकारी की कोरोना से मौत के बाद शव के अंतिम संस्कार को लेकर जो हालात उभर कर सामने आए वह दिल को चीरने वाले है। देश के विभिन्न राज्यों से आ कर बसे परिवारों में गत एक सप्ताह में कई मौत हुई है, जिनमें परिवार के कोरोना संक्रमित होने एवं रिश्तेदारों के नहीं आने से नगर परिषद को ही अंतिम संस्कार करना पड़ा है। पुलिस ने भी इसमें सहयोग किया है। नगर परिषद जरुरतमंद परिवारों की हर संभव मदद कर रही है।
राकेश पाठक, सभापति, नगर परिषद

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