READ: निगरानी को 40 अफसर तैनात, फिर भी बजरी खनन जारी, माफिया कर रहे एस्कोर्ट चिकित्सा टीम ने रात को घटना स्थल पहुंच कर यहां हलवे, रोटी, सब्जी के नमूने लिए और समीप ही मिले आंगनबाड़ी के पोषाहार (आटा) के खाली पैकेट को भी कब्जे में ले लिया। जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने देर रात बलाई खेड़ा पहुंच कर घटना की जानकारी ली।
गंगापुर से दस किलोमीटर दूर भूतेला के समीप बलाई खेड़ा निवासी मोहनदान चारण का पुत्र सज्जनसिंह गत दिनों मम्बई में एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। चारण के करीबी रिश्तेदार चित्तौडग़ढ़ जिले के चावंडिया (रेलमगरा) निवासी शक्तिदान चारण परिवार के दो अन्य सदस्यों के साथ सज्जनसिंह की कुशल क्षेम पूछने शुक्रवार को बलाईखेड़ा आए थे।
READ: निर्यातक रेल मार्ग से भी भेज सकेंगे अपना माल, भीलवाड़ा के निर्यातकों को मिलेगा नया मार्ग यहां चारण परिवार ने मेहमानों को शाम करीब छह बजे खाना खिलाया। खाने में रोटी व आलू की सब्जी के साथ हलवा भी परोसा गया। भोजन करने के कुछ देर बाद ही एक के बाद एक दोनों परिवारों के यहां मौजूद सभी आठ सदस्यों की हालत बिगडऩे लगी और वे उलटी व जी घबराने की शिकायत करने लगे। इससे घर में कोहराम मच गया।
चीख पुकार सुनकर आस पड़ोस भी एकत्रित हो गया। कुछ ही देर में 108 भी मौके पर आ गई। यहां से सज्जनसिंह (25), उसकी पत्नी राधा (23) पुत्र मनूर (3) पुत्री केसर ( 5) के साथ ही पिता मोहनदास (50 ) व मां लक्ष्मी (48) के साथ ही चावंडिया निवासी शक्तिदान (40) पुत्र इल्ला चारण, रूकमणी ( 50) पत्नी बद्रीचारण तथा गोपी (35) को गंगापुर राजकीय चिकित्सालय लाया गया। जहां चिकित्सकों ने तीन वर्षीय मनूर को मृत घोषित कर दिया वहीं अन्य सभी की हालत गंभीर होने पर उन्हें भीलवाड़ा रेफर कर दिया। भीलवाड़ा ले जाते वक्त बीच राह में केसर ने भी दम तोड़ दिया। यहां भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में उपचार के दौरान शक्तिसिंह, रूकमणी व गोपी ने भी दम तोड़ दिया।
इस बीच सहाड़ा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्ररेणा शेखावत व गंगापुर पुलिस उपाधीक्षक गोवर्धन लाल गंगापुर चिकित्सालय तथा अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) राजेन्द्र सिंह कविया महात्मा गांधी चिकित्सालय पहुंचे। जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल भी घटना की जानकारी के तुरन्त बाद महात्मा गांधी चिकित्सालय पहुंचे और यहीं से रवाना हो कर देर रात बलाई खेड़ा पहुंचे।