मुख्यमंत्री ने बजट में प्रदेश के सभी थानों में निरीक्षक स्तर के अधिकारी लगाने की घोषणा की थी। ऐसे में भीलवाड़ा जिले के थानों में भी उपनिरीक्षक के पद समाप्त कर दिए गए। भीलवाड़ा के भीमगंज, हमीरगढ़, मंगरोप, बागोर, रायपुर, कारोही, रायला, शम्भूगढ़, बदनोर, करेड़ा, बीगोद, बिजौलियां, काछोला, फूलियाकलां, बड़लियास, पारोली, पंडेर तथा शक्करगढ़ थाना क्रमोन्नत कर यहां उपनिरीक्षक के स्थान पर निरीक्षक को लगाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस अधीक्षक को रिकॉर्ड में अपडेट करने के निर्देश दिए है। प्रदेश में इस समय करीब 900 थाने हैं। भीलवाड़ा जिले में 33 थाने हैं। इनमें 15 थाने पहले से निरीक्षक स्तर के अधिकारी लगाए जाते हैं।
उपनिरीक्षकों का फीडबैक अच्छा नहीं, काफी समय से पुलिस मुख्यालय को उपनिरीक्षकों के बारे में फीडबैक अच्छा नहीं मिल रहा था। प्रदेश के पुलिस अधीक्षकों ने मुख्यालय को दिए फीडबैक में बताया था कि अधिकांश उपनिरीक्षक थानाप्रभारी लगना चाहते हैं। वे इसके लिए जोड़तोड़ कर जनप्रतिनिधियों से सिफारिश करवाते हैं। सिफारिश पर नहीं लगाने पर जनप्रतिनिधि की नाराजगी एसपी को झेलनी पड़ती है। किसी उपनिरीक्षक को थानाप्रभारी से हटाकर सैकेंड ऑफिसर लगाया जाता है तो वह काम से जी चुराता है। यदि कोई कुछ कहता तो वे काम नहीं आना कहकर टाल जाते हैं। सीआई को थाने की कमान सौंपने का बड़ा कारण उनका अपना अनुभव भी है। फरियादी के थाने आने के बाद उसकी ठीक से सुनवाई करना, सबसे तालमेल रख बेहतर काम भी बदलाव का बड़ा कारण है।
अब चौकियों की होगी सिफारिश
थानाप्रभारी नहीं लगने पर अब उपनिरीक्षक चौकियों पर लगने की सिफारिश करेंगे। सरकार ने हर थाने में सीआई लगाने के आदेश तो दे दिए। वर्तमान में जितने पद है उतने आधे सीआई बेड़े में नहीं है। ऐसे में सरकार को जल्द उपनिरीक्षकों को पदोन्नत करना पड़ेगा। तभी आदेश प्रभावी रूप से लागू हो सकेगा। Three stars now in police stations of Rajasthan