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तेजाजी मेले में उमड़ी आस्था

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 20, 2018 09:39:14 pm

Submitted by:

Suresh Jain

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Tiaji Fairrig in bhilwara

Tiaji Fairrig in bhilwara

भीलवाड़ा ।

तेजादशमी पर्व पर नगर परिषद के तत्वावधान में तेजाजी चौक में तीन दिवसीय मेले में गुरुवार दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। भोली, मंगरोप, हलेड़, दांथल, आटूण, मंडपिया, सुवाणा, पुरावतों का आकोला, कीरखेडा एवं पालड़ी सहित शहर के नजदीकी कई गांवों के लोगों ने तेजाजी के दर्शन किए। लोगों ने मेले में झूले, चकरी डोलर में झूले का आनंद लिया। मणिहारी की दुकानों पर महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन की खरीदारी की तथा चाट-पकौड़ी की स्टालों पर स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया। खिलौनों की दुकानों पर बच्चों की दिनभर भीड़ रही। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस होमगार्ड के जवान गश्त करते रहे। शुक्रवार को मेले का अंतिम दिन रहेगा।
तेजाजी थानक पर चढ़ाई ध्वजा
तेजाजी के थानक पर गुरुवार को कई लोगों ने ध्वज झंडे चढ़ाए। ट्रांसपोर्ट नगर के पास जाटों का खेड़ा से श्रद्धालु जुलूस के रूप में ध्वजा लेकर पहुंचे। डीजे की धुन पर युवा नाचते-गाते चल रहे थे।
शोभायात्रा में गूंजे जयकारे
वीर तेजाजी के बलिदान दिवस पर जाट समाज ने गुरुवार को शोभायात्रा निकाली। समापन तेजाजी मंदिर पर हुआ। हरियाणा के समाजसेवक बॉबी कटारिया ने कहा कि युवाओं में बिखराव का बड़ा कारण नशा है । समाज आगे तभी आगे बढ़ेगा, जब हम एकजुट रहेंगे। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए कुरीतियों को त्यागने का संकल्प दिलवाया। कार्यक्रम में नारायणलाल भदाला, संरक्षक मांगीलाल खेडलिया, किशोर बेनीवाल, गोपाल रियाड, छोटूलाल जाट, माधुलाल काला, नारायण मण्डा, राधेश्याम भदाला, कैलाश जाट, अम्बालाल जाट, रामपाल जाट, किशन जाट, लक्ष्मीलाल, रामदयाल, देवालाल, पुखराज जाट, प्रेम हुडा, टीकम जाट, करण चौधरी मौजूद थे। कार्यक्रम संयोजक शंकरलाल जाट थे।
ठाकुरजी के बेवाण निकाले
जलझूलनी एकादशी पर गुरुवार को शहर व जिले में ठाकुरजी के बेवाण निकाले गए। सांगानेर में एक साथ १४ बेवाण निकाले गए। बड़े मंदिर चारभुजा नाथ मंदिर में ठाकुरजी को झुलाया गया। नौगांवा सांवलिया सेठ मंदिर में दो दिवसीय मेले के तहत एक दर्जन से अधिक गांवों से 144 दलों के पदयात्री पहुंचे। मंदिर से बेवाण यात्रा निकाली गई। कोटड़ी व सिंगोल समेत अन्य धार्मिक स्थलों व गांवों-कस्बों में भी बेवाण निकाले गए।
पदयात्रियों का दल
माधव गोविज्ञान अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष डीपी अग्रवाल ने बताया कि सांवलिया सेठ के दरबार में सुबह 4 बजे से ही यात्रियों का दल पहुंचे। पदयात्रियों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। मेले में दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी। सांवलियाजी का झूला दर्शन मनमोहक रहा। मेले में शामिल श्रद्धालुओं के लिए फलाहार की व्यवस्था की गई। सांवलिया सेठ के मंदिर को वृन्दावन के कलाकारों ने फूल बंगले का रूप दिया। इसी प्रकार सांगानेर से एक साथ 14 बेवाण निकाल गए। बेवाण कोठारी नदी पहुंचे। वहां सामूहिक आरती की गई। बेवाण के पुन: गांव में पहुंचने पर आरती के बाद ठाकुरजी को पुन: मंदिर में विराजमान किया गया।
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