भीलवाड़ा। देश में नोटबंदी व जीएसटी का असर अब लगभग समाप्त हो गया है। जीएसटी को भी व्यापारी व उद्योगपति पूरी तरह से समझ चुके है। इसका फायदा नजर आने लगा है। यह बात इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सीएस रंजीत पांडे ने शनिवार को पुर रोड स्थित कांची रिसोर्ट में संस्थान की दो दिवसीय कार्यशाला के बाद मीडिया से कही। पांडे ने बताया कि दस्तावेज सत्यापन के लिए विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या जारी की जाएगी एक अक्टूबर से कंपनी सचिव हस्ताक्षरित या प्रमाणित हर दस्तावेज के लिए अनिवार्य होगी। इससे सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म वाले दस्तावेज को छूट दी गई है। इससे सत्यापन या प्रमाणन में धोखाधड़ी रुकेगी। हितधारक कंपनी सचिवों से हस्ताक्षरित दस्तावेज की असलियत का पता लगाने में सक्षम होंगे। इस व्यवस्था के तहत हर दस्तावेज के सत्यापन के लिए अंग्रेजी के अक्षर और संख्या वाली विशिष्ट पहचान संख्या जारी की जाएगी। लाइव केस स्टडीज सुविधा कंपनी सेक्रेटरी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अब उन्हें लाइव केस स्टडीज सॉल्व करने के लिए दी जाएंगी। ये केस स्टडीज अलग-अलग टॉपिक्स पर होगी। सीएस स्टूडेंट्स को आइसीएसआई के ऑनलाइन पोर्टल से लाइव वर्चुअल क्लास मिलेगी। पोर्टल से वीडियो बेस्ड ट्रेनिंग जैसी टेक्निक को जोड़कर स्टडीज को विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। एनपीए को कम करने पर जोर उन्होंने कहा कि बैंकों के बढ़ते एनपीए को घटाने के लिए सरकार सख्त कानून बनाएगी। डिफाल्ट की कार्रवाई अब १८० दिन में पूरी करनी होगी। बैकों को निर्देश दिए हैं कि किसी कर्जधारक के डिफॉल्ट करने के 30 दिन में उसके खाते की समीक्षा शुरू की जाए। पुराने आदेश के अनुसार डिफॉल्ट होने के एक दिन में ही बैंकों को रिव्यू शुरू करना होता था। 30 दिन की समीक्षा अवधि में कर्जदाता रेजोल्यूशन प्लान की रणनीति तय कर सकेंगे। नए आदेश के अनुसार रेजोल्यूशन प्लान के लिए अब कुल ऋण की ७५ प्रतिशत वाले कर्जदाताओं की मंजूरी जरूरी होगी। पहले सभी कर्जदाताओं की मंजूरी लेनी होती थी। समीक्षा अवधि से 180 दिन में रेजोल्यूशन प्लान लागू नहीं होता है तो आरबीआई बैंकों से 20 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोविजनिंग के लिए कहेगा।