यहां साबुन मार्ग स्थित आनन्द वाटिका में पन्द्रह दिवसीय राष्ट्रीय किन्नर सम्मेलन 11 जनवरी से चल रहा है। शुक्रवार को संयोजक किरण बाई के सान्निध्य में छत्र व कलश यात्रा निकल गई। छत्र यात्रा आनन्द वाटिका से रेलवे फाटक, गंगापुर चौराहा व रिजर्व पुलिस लाइन होते हुए संतोषी माता मंदिर पहुंची। यहां किरण बाई ने सवा किलो वजनी चांदी का छत संतोषी माता को चढ़ाया। इस दौरान जलोदा की हसीना बाई, किशनगढ़ की सरोज बाई, भीलवाड़ा की प्रिया आदि ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद मंदिर से कलश यात्रा शुरू हुई और मुखर्जी पार्क पहुंची। यहां से चाक यात्रा शुरू हुई जो आनन्द वाटिका पहुंचकर संपन्न हुई। चाक यात्रा में डिम्पल व सुमन बाई की अगुवाई मंें कलश धारण किए गए। यात्रा के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आए किन्नरों ने ढोल-नगाड़ों के बीच नृत्यु प्रस्तुति दी, वही लोगों में भी किन्नरों से आशीर्वाद लेने की होड़ रही। देर शाम बाद में सांस्कृति संध्या हुई।
किन्नरों को बताया उनका हक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से सम्मेलन स्थल पर विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया। प्राधिकरण सचिव के सचिव प्रशान्त शर्मा के नेतृत्व में किन्नरों को उनके अधिकारों एवं सुरक्षा हितों के संबंध में जानकारी दी गई । यहां बताया गया कि किन्नरों को मताधिकार वर्ष 1994 में ही मिल गया था, परन्तु उन्हें मतदाता पहचान पत्र जारी करने का कार्य पुरुष और महिला के प्रश्न पर उलझ गया। इन्हीं समस्याओं के साथ ही इन्हें सम्पत्ति का अधिकार और बच्चा गोद लेने जैसे कुछ कानूनी अधिकार से महरूम होना पड़ा। हिमांकनी गौड़ न्यायाधीश महिला उत्पीडऩ, सीपी सिंह न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट, सचिन गुप्ता व अरुण जैन न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट, अलका गुप्ता न्यायाधीश एडीजे-3 ने भी कानूनी जानकारी दी। अधिवक्ता लादूलाल तेली व महेन्द्र शर्मा व अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।