प्रकरण के अनुसार १३ नवम्बर २०१८ को एक व्यक्ति ने फूलिया कलां थाने में मामला दर्ज कराया। परिवादी ने बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री बकरियां चराने जंगल में गई। वहां सुरेश ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर बलात्कार किया। पुलिस ने सुरेश को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया। विशिष्ट लोक अभियोजक श्रुति शर्मा ने अभियुक्त के खिलाफ १७ गवाह और ३१ दस्तावेज पेश कर आरोप सिद्ध किया। विशिष्ट न्यायालय संख्या दो (पॉक्सो एक्ट) ने किशोरी से बलात्कार के आरोप में भीलों का झोंपड़ा (बच्छखेड़ा) निवासी सुरेश भील को दोषी मानते हुए मंगलवार को बीस साल के कारावास की सजा सुनाई। पचास हजार रुपए जुर्माने के आदेश भी दिए।