आरके जैन मंदिर में दो नूतन प्रतिमाएं मूल वेदी में विराजमान
जयकारों व भक्ति नृत्य के बीच हुआ आयोजन

भीलवाड़ा।
तरणताल के सामने स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया के निर्देशन में बुधवार को विधि विधान व जयकारों के बीच दो नूतन प्रतिमाएं मूल वेदी में विराजमान की गई। श्रावक-श्राविकाओं ने चवर ढुलाते हुए, नृत्य करते हुए रत्नों की वर्षा की। सतपाल पाटनी ने पदम प्रभु व महावीर पहाडिया ने मुनि सुव्रतनाथ भगवान के मस्तक पर 108 रिद्धी मंत्रों से अभिषेक कर मूल वेदी में सिंहासन पर विराजमान किया।
ट्रस्ट अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया कि शाहपुरा के मानमल, यशपाल, सतपाल, विमल कुमार, कमल कुमार पाटनी ने मूलनायक आदिनाथ भगवान पर भी रिद्धी मंत्रों से अभिषेक एवं स्वर्ण झारी से शांतिधारा की। अन्य प्रतिमाओं पर कैलाश सोनी, कोटा के शांतिलाल बाकलीवाल, गुलाबपुरा के पवन गोधा, आनन्द जैन, सुशील लुहाडिया, राकेश पहाडिया, सुरेश लुहाडिया ने सुरेन्द्र गोधा व प्रदीप भैया के निर्देशन में शांतिधारा की। बाद पुनम कोठारी व वीणा मंगल के संयोजन में शान्तिनाथ मण्डल विधान पूजन किया गया।
सचिव अजय बाकलीवाल ने बताया कि पूजा लुहाडिया व मंजु शाह ने भगवान के अभिषेक के लिए स्वर्णमयी रजत पाण्डुकशिलाएं, पुष्पा बाकलीवाल ने चांदी का थाल भैंट किया। इस मौके पर प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया ने कहाकि वे वर्ष २००० से ही आरके कॉलोनी मंदिर की स्थापना से जुड़े हुए है। निर्यापक मुनि सुधासागर यहां पांच बार आ चुके है एवं उनके आर्शीवाद से मंदिर एवं समाज दोनों में उत्तरोतर उन्नति हुई है। समाज को महाराज की भावना के अनुसार एक मंजिल ओर निर्माण कर आदिनाथ भगवान की विशाल प्रतिमा एवं 24 भगवान की प्रतिमाएं विराजमान करनी चाहिए।
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