पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि आरोपित अजीत तीन माह से शिव कॉलोनी में रह रहा था। उसके साथ पत्नी व बच्चे भी थे। लोगों ने बताया कि वह दिसम्बर 2017 में यहां एक मकान मेें रहने आया था। जहां उसके साथ गर्भवती पत्नी दीपा भी थी। एक माह पूर्व ही पत्नी ने जुड़वां पुत्रों को जन्म दिया था।
पहचान को छिपाने के लिए दिए चकमे
अजीत ने अपने करीबी की मदद से शिव कॉलोनी में सूरजमल के मकान में किराए से कमरा ले लिया था। लेकिन पहचान छिपाने के लिए मकान मालिक को चकमा देता रहा। मकान मालिक के परिजनों ने बताया कि दिसम्बर से वे अजीत को आईडी कार्ड व परिचय पत्र देने पर जोर ड़ालते रहे। लेकिन आरोपित टालता रहा। इधर, शुक्रवार सुबह जब अजीत को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने तथा उसके वांटेड होने की जानकारी सामने आई, तो मकान मालिक सन्न रह गया।
साइकिल से जाते समय दबोचा
घटना के दिन अजीत को पुलिस ने कुंचलवाड़ा दूध लेने जाते दबोचा। अजीत सुबह ६ बजे साइकिल से कुंचलवाड़ा जा रहा था। इस बीच अण्डरपास से पहले घात लगाए बैठी यूपी पुलिस की स्पेशल टीम की कार ने साइकिल को टक्कर मार कर उसे गिरा दिया। इसके बाद उसे दबोच लिया। इधर, अजीत के पकड़े जाने के बाद उसकी पत्नी दीपा अपने जुड़वां बच्चों के साथ शनिवार शाम कमरा खाली कर चली गई।
कोई नही जानता, वो करता क्या था आसपास के लोगों ने बताया कि वह दिन भर कमरे में ही रहता तथा अंंधेरा होने के बाद घर से निकलता। मकान मालिक ने बताया कि उसके कामकाज की जानकारी की तो बताया कि गांव में खेती करता है। मामला उजागर होने के बाद मकान मालिक सूरजमल को हनुमाननगर पुलिस अपने साथ थाने ले गई। जहां पुलिस ने आरोपित के बारे में कई अहम जानकारी जुटाई। आरोपित के खिलाफ यूपी में हत्या के आठ संगीन मामले समेत कुल 27 प्रकरण दर्ज है।