लोगों ने बैंक प्रबंधन पर तरह-तरह के आरोप लगाए जिसमें केसीसी गृह लोन, वाहन लोन सहित कई तरह के ऋण लेने में कमीशनखोरी, साधारण खाता खुलवाने के लिए चक्कर लगाने की, ईमित्रों पर बैंक द्वारा राशि उपलब्ध नहीं करवाए जाने, बुजुर्गों को आए दिन किसी भी कार्य के लिए घुमाने, मैनेजर द्वारा लोगों को आए दिन पुलिस थाने की धमकी देकर बैंक से बाहर निकालने की कार्यशैली सहित बैंक में मौजूद कई छात्र छात्राओं ने उनके खाते नहीं खोलने एवं दो 2 वर्षों से पासबुक के नहीं बनाने,नाम परिवर्तन करवाने के लिए सैकड़ों बार चक्कर लगाने के आरोप लगाए। माहौल गर्माता देख मैनेजर ने पुलिस को किया सूचित गुलाबपुरा थाने से पहुंची। पुलिस ने भी मैनेजर को ग्रामीणों से बात करने के लिए निर्देश दिए। एक घंटे बाद मैनेजर ने बैंक के बाहर आकर ग्रामीणों से माफी मांगी और भविष्य में कार्य शैली में सुधार का किया वादा। ग्रामीणों ने सारे आरोपों को लिखित में देते हुए उपखंड अधिकारी के नाम दिया ज्ञापन।