थानाप्रभारी सुरेश कुमार चौधरी के अनुसार रामदेव बागरिया ने रिपोर्ट दी कि एक व्यक्ति उसके गधे बादल को ले गया। इस पर पुलिस ने गधे ले जाने वाले को थाने पर बुलाया। दोनों ही व्यक्तियों ने गधे पर अपना-अपना मालिकाना हक जताया। पुलिस ने दोनों पक्षों से सबूत मांगे। रामदेव बागरिया ने गधे की उम्र 12 साल बताई, जबकि दूसरे व्यक्ति ने सात साल बताई। इस दौरान समाज के लोग भी वहां आ गए।
पुलिस ने पशु चिकित्सक को मौके पर बुलाया और गधे का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया। पशु चिकित्सक ने गधे की उम्र दस साल से ज्यादा बताई उसकी उम्र दस साल से अधिक डॉक्टर ने बताई। डॉक्टर की जांच में साक्ष्यों के आधार पर गधे को उसके असली मालिक रामदेव बागरिया को देने के लिए कहा गया। फिर भी दूसरे पक्ष ने गधे को देने के इनकार कर दिया। इसके बाद समाज के लोग गधे को कोटड़ी चारभुजा मंदिर के बाहर लाए। यहां तय हुआ कि मंदिर के पास गधे को बांधते है जिसका है, वह खोल ले। इस पर रामदेव ने गधे को खोल लिया और अपने घर ले गया।
चांद खेड़ी के रामदेव बागरिया का डंकी पांच साल पहले चोरी हो गया था। तीन पूर्व रामदेव चावंडिया गांव की ओर से कोटड़ी आ रहा था। मानसिंह जी का झोपड़ा के पास भेड़ों के झुंड के बीच एक डंकी नजर आया। गधे को देखते ही उसने बादल आवाज लगाई । आवाज सुनते ही डंकी दौड़कर रामदेव के पास आ गया। रामदेव ने गधे को बिस्किट खिलाया और भेड़ो के साथ चल रहे पशुपालक को डंकी उसे सौंपने की बात कही। जब पशुपालक ने मना कर दिया तो वह कोटड़ी थाने पहुंचा और चोरी की रिपोर्ट दी।