राज्य सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 के प्रावधानों की क्रियान्वित में उचित मूल्य दुकानदारों पर राशन वितरण के उपयोग में प्रयुक्त बाट माप तोल का सत्यापन करने के आदेश गत वर्ष दिए थे। आदेश के तहत १५ जनवरी २०२१ तक सभी उचित मूल्य दुकानदारों को बाट माप का सत्यापन कराते हुए रिपोर्ट पेश करनी थी। सत्यापन नहीं कराने की स्थिति में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने राशन डीलर्स पर जुर्माने का प्रावधान भी किया था, लेकिन विभागीय उदासीनता, कोरोना महामारी और अन्य कारणों से राशल डीलर्स के बाट माप का सत्यापन ही नहीं हो पाया। अधिकांश राशन डीलर्स को इसी प्रकार से सत्यापन कराने की जानकारी जनवरी २०२१ के प्रथम सप्ताह तक में नहीं थी।
अमरेन्द्र मिश्रा, प्रवर्तन अधिकारी, रसद
समय पर होना चाहिए था बाट माप के भौतिक सत्यापन कार्य होने की जानकारी पूर्व में नहीं थी, प्रदेश में आदेश की पालना समय पर कराने के लिए रसद विभाग एवं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को सुनिश्चित करना चाहिए था, सत्यापन नहीं होने की स्थिति में राशन डीलरों पर जुर्माना लगाया जाना ठीक नहीं है। इसमें भी शिथिलता विभाग को बरतनी चाहिए।
संजय तिवाड़ी, प्रदेश महासचिव एवं जिलाध्यक्ष, ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन राजस्थान, भीलवाड़ा