संस्था के भीलवाड़ा कन्वीनर बाबूलाल जाजू ने बताया कि जिले में शाहपुरा, बनेड़ा, मांडलगढ़, पुर एवं मेजा के जंभेश्वर मंदिर में टीम की ओर से सर्वे किया जा चुका है। भीलवाड़ा जिले समेत प्रदेश के 28 जिलों में पुरातात्विक धरोहर की जानकारी इंटेक टीम की ओर से जुटाई जा चुकी हैं। को-कन्वीनर श्याम सुंदर जोशी ने बताया कि पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए संस्था की ओर से भेजे गए सुझावों पर भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय अमल करते हुए प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के प्रयास किए जाते हैं। भिनाय की प्राचीन धरोहर 7 मंजिला बावड़ी के जीर्णोद्धार को लेकर पर्यटन विभाग को प्रस्ताव भिजवाया गया हैं। सर्वे पूर्ण होने पर मेवाड़, मारवाड़, ढूंढाड़, शेखावाटी और हाड़ोती क्षेत्र की अंचलवार डायरेक्टरी प्रकाशित की जाएगी।