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राजस्थान आवासन मंडल की कॉलोनियों के क्यूं है इतने बुरे हाल, जानिए

locationभीलवाड़ाPublished: Nov 12, 2021 12:05:55 pm

Why are the colonies of Rajasthan Housing Board in such a bad condition, know राजस्थान आवासन मंडल की कॉलोनियों में करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी आवंटियों को सुकून नहीं मिल रहा है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग अब यहां बसने से भी कतराने लगे हैं। पढि़ए नरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट।

Why are the colonies of Rajasthan Housing Board in such a bad condition, know

Why are the colonies of Rajasthan Housing Board in such a bad condition, know

भीलवाड़ा। राजस्थान आवासन मंडल की कॉलोनियों में करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी आवंटियों को सुकून नहीं मिल रहा है। सुवाणा में करोड़ों की लागत से बसा प्रियदर्शनी नगर वीरानी के साए में है। जबकि पटेल नगर विस्तार के कई बंगले सूने पड़े हैं। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग अब यहां बसने से भी कतराने लगे हैं। पढि़ए नरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट।
सुरक्षा गारंटी न होने से आवंटियों ने मुंह फेरा
वस्त्रनगरी में जरूरतमंद लोगों को अपने आशियाने का सपना पूरा करने के लिए राजस्थान आवासन मंडल ने ग्यारह ऑवासीय कॉलोनियां आबाद की हैं, लेकिन गत एक दशक में बसाई सुवाणा स्थित प्रियदर्शनी नगर व पटेलनगर विस्तार आवासीय योजना के हालात ठीक नहीं हैं। मंडल ने यहां करीब सौ करोड़ रुपए खर्च कर तीनों श्रेणियों में आवास बनाए। इनके लॉटरी से आवंटन भी हुए, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाएं व सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलने से आवंटियों ने दोनों कॉलोनियों से मुंह ही फेर लिया है। सुवाणा में तो २५ फीसदी आवंटियों ने अपना बसेरा बनाया है, जबकि पटेलनगर में मध्यम व उच्च श्रेणी के अधिकांश आवास आवंटन के बावजूद खाली पड़े हैं।
सबसे बड़ी आवासीय कॉलोनी प्रियदर्शनी
जिले में आवासन मण्डल ने सबसे बड़ी आवासीय कॉलोनी बसाने का सपना साकार करने के लिए वर्ष 2012 में जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर सुवाणा में करीब दो सौ बीघा क्षेत्र में प्रियदर्शनी नगर आवासीय योजना की नींव रखी। यहां 15 अक्टूबर 2015 को लॉटरी के जरिए मंडल ने सात सौ आवास आवंटित किए और इसके दो वर्ष बाद 172 आवास और आवंटित किए। यहां कुल 872 आवासों का आवंटन हुआ है।
५६४ आवंटन हुए निरस्त
प्रियदर्शनी नगर में आवासन मंडल ने आवंटियों को बसाने के लिए सड़क, बिजली, पानी, नाली समेत अन्य सुविधाओं पर लाखों रुपए बहा दिये, इसके बावजूद लोग यहां आवंटित मकानों में बसने नहीं आ सके। इनमें से कईयों ने आवंटित आवास के कब्जे ही नहीं लिए। कुछ ने कब्जे लिए तो प्रथम किस्त ही जमा नहीं कराई। मौजूदा स्थिति ये है कि यहां ८७२ आवास में से ५६४ आवासों का आवंटन कब्जा नहीं लेने, डिमांड राशि नहीं जमा कराने तथा पूरी राशि जमा नहीं कराने से वर्ष २०१९ में निरस्त हो गए। इसके बाद मंडल ने फिर प्रयास किए। इसके बावजूद दस नवम्बर २०२१ तक यहां ३१८ आवासों का आंवटन नए सिरे से होना शेष है।
सुविधाओं को तरसे

आवासन मंडल ने प्रियदर्शनी नगर तक पहुंचने के लिए सीधी एप्रोच रोड नहीं बनाई। ऐसे में लोगों को यहां तक पहुंचने के लिए सुवाणा, एपीजे कलाम योजना व हलेड के रास्ते से आना पड़ता है। ये कॉलोनी शहर से दूर होने के साथ ही अभी वीरानी में है। यहां चंबल का पानी अभी नहीं पहुंचा है। सुविधाओं के अभाव में यहां अधिकांश आवंटियों ने घरों के ताले लगा रखे हैं। जबकि कई आवंटी ऐसे हैं, जो कि आवंटन किस्त राशि भी नहीं चुका रहे हैं।
सूनी कॉलोनी में टूट रहे ताले
प्रियदर्शनी नगरी में दस वर्ष के दौरान आवासों के ताले तोड़ कर गैस सिलेण्डर, बाइक, पलंग, बिस्तर, सेनेटरी उपकरण, खिड़की, फर्श उखाड़ कर ले जाने के ५० से अधिक मुकदमें सदर थाने में दर्ज हो चुके हैं।
पटेलनगर विस्तार से परहेज

शहर की पटेलनगर विस्तार योजना की भी यही कहानी है। यहां विभिन्न श्रेणी में कुल ५९७ आवास आवंटित हैं। आवास की किस्त नहीं चुकाने पर वर्ष २०१८ तक कुल १८० आवंटन निरस्त हुए। इसके बाद मंडल के रियायत देने पर आवासों का आवंटन हुआ। मौजूदा स्थिति यह है कि अभी भी १० नवम्बर २१ तक कुल २९ आवासों का आवंटन होना शेष है।
पटेलनगर विस्तार में पसरता जंगल
कॉलोनी के हाल यह है कि उच्च आय एवं मध्य आय वर्ग श्रेणी के आवास आवंटित होने के बावजूद यहां ताले लटकें है। आवासों में कंटीले पेड़ उग आए हैं। कई आवासों से चोर दरवाजे, खिड़की व फर्श तक तोड़ कर ले जा चुके हैं। कई सूने आवास तो नशेडिय़ों व अपराधियों के ठिकानें बने हुए हैं। यहां सुविधाओं का अभाव होने से लोग बसने से कतरा रहे हैं।
मूलभूत सुविधाओं का होगा विस्तार

प्रियदर्शनी नगर व पटेलनगर विस्तार योजनाओं में मृलभूत सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। प्रियदर्शनी नगर को चम्बल पेयजल परियोजना से जोड़ा जा रहा है। पटेलनगर में बिजली व पानी की व्यवस्था में सुधार हुआ है।
-संजय खरे, कार्यवाह परियोजना अभियंता (वरिष्ठ) आवासन मण्डल भीलवाड़ा

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