कई बार तो भर्ती के लिए कलक्टर, विधायक व जनप्रतिनिधियों को भी दखल करना पड़ता है। कईयों की तो इलाज शुरू होने के इंतजार में भी जान चली गई। रोगियों के बढ़ते दबाव को कोविड सेंटर स्थित कक्ष ९२ में चिकित्सक झेल ही नहीं पा रहे है।
भर्ती करने की रोगियों के परिजनों की जिद्द पर वह आपा तक खो रहे है। कुछेक तो गुस्सा कर बोल भी उठे है कि आप ही मेरी सीट पर बैठ जाए। चिकित्सा प्रबंधन का कहना है कि एमजीएच में क्षमता से तीन गुणा कोरोना संक्रमित आ रहे है, सभी भर्ती होना चाहते है, उन्हे ऑक्सीजन बेड भी चाहिए।