भीलवाड़ा

चिकित्सक क्यूं खोने लगे आपा, पढि़ए

जिले के समसे बड़े महात्मा गांधी चिकित्सालय में व्यवस्थाओं में सुधार के प्रशासन के दावों के बावजूद हालात नहीं सुधरे है। यहां ऑक्सीजन युक्त बेड या आइसीयू में जगह मिलने की बात तो दूर आमजन को सामान्य वार्ड में भर्ती होने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

भीलवाड़ाMay 11, 2021 / 04:43 pm

Narendra Kumar Verma

Why did the doctors lose their temper, study

भीलवाड़ा । जिले के समसे बड़े महात्मा गांधी चिकित्सालय में व्यवस्थाओं में सुधार के प्रशासन के दावों के बावजूद हालात नहीं सुधरे है। यहां ऑक्सीजन युक्त बेड या आइसीयू में जगह मिलने की बात तो दूर आमजन को सामान्य वार्ड में भर्ती होने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
कई बार तो भर्ती के लिए कलक्टर, विधायक व जनप्रतिनिधियों को भी दखल करना पड़ता है। कईयों की तो इलाज शुरू होने के इंतजार में भी जान चली गई। रोगियों के बढ़ते दबाव को कोविड सेंटर स्थित कक्ष ९२ में चिकित्सक झेल ही नहीं पा रहे है।
भर्ती करने की रोगियों के परिजनों की जिद्द पर वह आपा तक खो रहे है। कुछेक तो गुस्सा कर बोल भी उठे है कि आप ही मेरी सीट पर बैठ जाए। चिकित्सा प्रबंधन का कहना है कि एमजीएच में क्षमता से तीन गुणा कोरोना संक्रमित आ रहे है, सभी भर्ती होना चाहते है, उन्हे ऑक्सीजन बेड भी चाहिए।

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