एनजीटी ने क्यू किया भीलवाड़ा कलक्टर को तलब, पढि़ए
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सेंट्रल जोन बेंच भोपाल ने पटेलनगर योजना क्षेत्र में दो उद्यानों को नष्ट कर 3 लाख 17 हजार वर्ग फीट भूमि के वाणिज्यिक व आवासीय भूखंड बनाकर आवंटित करने के मामले में जिला कलक्टर, सचिव, नगर विकास न्यास व आयुक्त, नगर परिषद भीलवाड़ा को नोटिस जारी कर 24 फ रवरी २०२१ को जवाब तलब किया है। पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने अधिवक्ता अक्षय राठौड़ के मार्फ त यह जनहित याचिका दायर की है।

भीलवाड़ा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सेंट्रल जोन बेंच भोपाल ने पटेलनगर योजना क्षेत्र में दो उद्यानों को नष्ट कर 3 लाख 17 हजार वर्ग फीट भूमि के वाणिज्यिक व आवासीय भूखंड बनाकर आवंटित करने के मामले में जिला कलक्टर, सचिव, नगर विकास न्यास व आयुक्त, नगर परिषद भीलवाड़ा को नोटिस जारी कर 24 फ रवरी २०२१ को जवाब तलब किया है। पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने अधिवक्ता अक्षय राठौड़ के मार्फ त यह जनहित याचिका दायर की है।
पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल जोन बेंच भोपाल में उद्यानों में भूखंड बनाने के मामले में अधिवक्ता अक्षय राठौड़ के मार्फ त दायर जनहित याचिका पर न्यायाधिपति श्यो कुमार सिंह व एक्सपर्ट मेंबर डॉ.सत्यवान सिंह गब्र्याल ने भीलवाड़ा जिला कलक्टर, नगर विकास न्यास व नगर परिषद भीलवाड़ा को नोटिस जारी कर 24 फ रवरी 2021 को जवाब तलब किया है।
जाजू ने दायर जनहित याचिका में बताया कि न्यास ने योजना क्षेत्र में मानसरोवर झील के समीप 22 मई 2009 को स्वीकृत ले आउट प्लान में बाउंड्री, फु टपाथ, रेलिंग बनाना बताया था। यहां पेड़ लगाकर लाखों रुपए भी खर्च किए, लेकिन पौधे बड़े होने के बाद में उन्हें काट दिए व इनमें से एक उद्यान की बाउंड्री पूरी तोड़ दी। उक्त उद्यान पर्यावरण की दृष्टि से शहर के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण थे। Why did the NGT call Bhilwara Collector, read it
जाजू ने बताया कि जनहित याचिका में राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी व बनाम राज्य सरकार पर राजस्थान उच्च न्यायालय की तरफ से आए फैसले को भी जिक्र किया गया। इसमें बताया कि कोठारी की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्रीन बेल्ट में किसी प्रकार के बदलाव पर प्रभावी रोक लगा रखी है। जाजू ने बताया कि एनजीटी में इस फैसले की प्रति भी प्रमाण स्वरूप पेश की गई है।
जनहित याचिका में उद्यानों को नष्ट करने वाले अधिकारियों से पेड़ों की कटाई व बाउंड्री तोडऩे से होने वाले नुकसान की भरपाई करने व वापस बाउंड्री बनवाने, पौधे लगाने व रखरखाव व्यवस्था करवाने तथा नियम विरुद्ध भूखंड बनाने व आवंटन करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। याचिका में बताया कि बड़े उद्यान में से 2 लाख 5 हजार 504 वर्ग फीट व छोटे उद्यान की 1 लाख 18 हजार 47 वर्ग फीट भूमि भूखंड बनाकर आवंटित की गई है। न्यायाधिपति श्यो कुमार सिंह व एक्सपर्ट मेंबर डॉ.सत्यवान सिंह गब्र्याल ने याचिका पर विपक्षी गणों को जवाब तलब किया है।
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