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प्री बजट चर्चा..आर्थिक मंदी, महंगाई, बेरोजगारी से करना होगा मुकाबला

locationभीलवाड़ाPublished: Jan 19, 2020 07:45:54 pm

Submitted by:

Suresh Jain

बजट को लेकर व्यापारी से चर्चा

Will have to compete against economic slowdown, inflation, unemployment in bhilwara

Will have to compete against economic slowdown, inflation, unemployment in bhilwara

भीलवाड़ा।
Pre budget discussion राज्य सरकार के अगले बजट 2020 से हर व्यक्ति की उम्मीदें जुड़ी हैं। उद्योगपति हो या आमजन, हर किसी की निगाह इस बजट पर है। सरकार के सामने आर्थिक मंदी, महंगाई एवं बेरोजगारी जैसी बड़ी चुनौतियां है। हर व्यापारी बजट से बड़ी उम्मीदें पाले हैं। कुछ खास स्थितियों के कारण आर्थिक सुस्ती और जीएसटी दर देखते हुए आम करदाताओं भी राजस्थान व केंद्रीय बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं। Pre budget discussion राजस्थान पत्रिका ने इलेक्ट्रोनिक्स व अन्य व्यापारियों के साथ बजट को लेकर परिचर्चा की। इसमें कई मुद्दे सामने आए। व्यापारियों की सबसे बड़ी चिंता थी कि ऑनलाइन बाजार से उनका काराबोर चौपट हो रहा है। वैट के मिस मैच के मामले लम्बित होने से लाखों रुपए अटके है, जिनका निस्तारण करना चाहिए। व्यापारियों से चर्चा पर रिपोर्ट-
मेरी बात
इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद पर टैक्स दर अधिक है। इसमें कुछ राहत मिले। वैट के मिस मैच मामले लम्बित हैं। उसकी प्रक्रिया अटकी है। इससे व्यापारी परेशान है। नोटबंदी ने व्यापार को प्रभावित किया। सरकार को व्यापारियों को ध्यान में रखते बजट तैयार करना चाहिए। इलेक्ट्रीकल्स एसेसरीज पर जीएसटी १८ प्रतिशत है। राज्य सरकार इसे घटाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजे।
सुनील तलेसरा, अध्यक्ष इलेक्ट्रिकल्स एसोसिएशन
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कूलर पर जीएसटी १८ प्रतिशत है जबकि पहले ५ प्रतिशत वैट था। एयर कंडीशनर पर जीएसटी २८ प्रतिशत है, जिसे १८ प्रतिशत किया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री को केन्द्र सरकार को पत्र लिखना चाहिए।
लक्ष्मण अग्रवाल, इलेक्ट्रिकल्स व्यापारी
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बाजार में सुधार होने लगा है पर लेकिन टैक्स दर अधिक है। इसमें बदलाव की जरूरत है। ३२ इंच टीवी पर १८ प्रतिशत जीसएटी है जबकि ४० इंच टीवी या एलईडी पर २८ प्रतिशत जीएसटी है। आज हर घर में ४० इंच की टीवी पसंद करते हैं। टीवी पर समान जीएसटी हो। डिजिटाइजेशन पर सरकार का जोर है लेकिन कार्ड से पेमेंट पर २.५ प्रतिशत का भार व्यापारी या उपभोक्ता पर पड़ता है, जिसे समाप्त किया जाए।
अनिल तलेसरा, अध्यक्ष बालाजी मार्केट एसोसिएशन
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जीएसटी में टैक्स दरे असमान है। उसे कम करना चाहिए ताकि उपभोक्ता को फायदा मिल सके। टैक्स स्लैब कम करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद को १२ प्रतिशत में लेना चाहिए।
अतुल काबरा, इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापारी
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सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को प्रोत्साहन दे रही है। उससे पुराने व्यापारियों को दिक्कत आ रही है। कई व्यापार चौपट हो गए। मोबाइल एसोसिएशन ने भी कलक्टर को ज्ञापन दिया था। ऑनलाइन व खुदरा व्यापार के बीच दरों में काफी अंतर होने से हर व्यापारी परेशान है। इस पर सरकार को ध्यान देना होगा।
जितेन्द्र रहेजा, इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापारी
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स्टाम्प ड्यूटी में राहत देनी चाहिए। वह कई गुना अधिक है। प्रदेश में टोल नाके पहले टैक्स मुक्त थे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने उन पर टैक्स लगा दिया है, जिसे समाप्त करना चाहिए।
पुनित सोमानी, सोसायटी संचालक
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शहर का आर्थिक स्थिति भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्योग पर निर्भर है। टेक्सटाइल उद्योग मंदी से गुजर रहा है। इस कारण बाजार में रुपए का चलन नहीं बढ़ रहा है। बाजार में रुपया नहीं आएगा तो अन्य कारोबार भी मुश्किल होगा। सरकार को चाहिए कि टेक्सटाइल उद्योग के विकास के लिए योजना बनाए।
अनिल चौधरी, व्यापारी
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मंदी की बात
ऑनलाइन के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार पूरी तरह मंदी से गुजर रहा है। कई व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर चुके हैं। बिजनेस ३० प्रतिशत रह गया है। इस पर जब तक केंद्र व राज्य सरकार पाबंदी नहीं लगाएगी, तब तक व्यापार मुश्किल होगा।
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संभावना
आम नौकरीपेशा और सामान्य करदाता सरकार से कर दरों में राहत की उम्मीद लगाए हैं। सरकार नौकरीपेशा लोगों की पांच लाख रुपए तक की आय पहले ही करमुक्त कर चुकी। हालांकि कर स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आयकर स्लैब में बदलाव हो। कई साल से कर स्लैब नहीं बदले हैं।
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अपेक्षा
कृषि क्षेत्र में कई संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है। ये योजनाएं दीर्घअवधि आधारित हैं। बजट में किसानों के लिए ज्यादा घोषणा हों। बजट में अन्य उपायों पर गौर किया जाए। फसल बीमा योजना में बदलाव के साथ कृषि ऋण में वृद्धि की उम्मीद है। गांवों में बुनियादी ढांचे और बढ़ते सिंचाई खर्च पर ध्यान देना चाहिए।
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आईना
व्यापारियों का कहना है कि सरकार कई घोषणाएं करती है, लेकिन उस पर अमल विलंब से होता है। इंतजार करते हुए अगला बजट आ जाता है या उस घोषणा पर काम ही शुरू नहीं हो पाता। सरकार को चाहिए कि वे घोषणा करने के साथ ही उस योजना पर बजट भी जारी करे ताकि सबको योजना का लाभ मिल सके।

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