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धर्म चक्रव ध्वजाओं की पूजा

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 15, 2021 09:47:25 am

Submitted by:

Suresh Jain

विद्यासागर वाटिका में समवशरण विधान पूजन

धर्म चक्रव ध्वजाओं की पूजा

धर्म चक्रव ध्वजाओं की पूजा

भीलवाड़ा।
रंग-रंगीली यहां ध्वजाएं, लहर-लहर कर फहराती की संगीतमय पूजन के साथ गुरुवार को विद्यासागर वाटिका में समवशरण विधान पूजन के पांचवे दिन गंधकुटी की प्रथम कटनी पर स्थापित धर्म चक्र एवं द्वितीय कटनी पर स्थापित ध्वजाओं की पूजा की गई। 24 अर्घ चढाकर दिव्य ध्वनि की पूजन की गई। पूजन में नृत्य एवं भक्ति से भाव विभोर श्रावकों को मुनि विद्यासागर महाराज ने कहा कि यही भक्ति का आनन्द जीवों को सास्वत आनन्द प्राप्ति में बीज का काम करता है।
मुनि विद्यासागर ने कहा कि जिसके पास कुछ नहीं होता है, उस पर दुनिया हंसती है। जिसके पास बहुत कुछ होता है, उससे दुनिया जलती है। जिन धर्म वालों को पूर्व जन्मों के पुण्य से जो धर्म मिला है, वह एक सौभाग्य है, यह समझकर धर्मरुपी कील से जुड जाना चाहिए।
आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट उपाध्यक्ष सुन्दर कोठारी ने बताया कि विधान के दौरान प्रात: 6.30 बजे अभिषेक क्रिया में इम्फाल से आए ज्ञानचन्द महेश कुमार छाबडा ने 108 रिद्धी मंत्रों सहित अभिषेक किया। रमेश चन्द्र, दीपक अग्रवाल, महेन्द्र, अर्चित बाकलीवाल, राजकुमार, अजितकुमार अग्रवाल ने शांतिधारा की।
सहसचिव खेमराज कोठारी ने बताया कि शास्त्रीनगर मेन सेक्टर, सुभाषनगर, आमलियों की बाडी मंदिर के पदाधिकारियों ने मुनि संघ को श्रीफल भेंट कर आर्शीवाद प्राप्त किया। आयोजन समिति ने सभी का स्वागत किया। रमेश चन्द्र, सावित्रि देवी, विकास, अर्हम सेठी ने महाराज के पादपक्षालन किया। सुनील कुमार लुहाडिया ने शास्त्र भेंट किए।
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